नए सत्र में बिना किताबों के ही स्कूल जाएंगे बच्चे! : अप्रैल से नया सत्र, छपाई प्रक्रिया और लेट-
१-अप्रैल से नया सत्र, छपाई प्रक्रिया और लेट
२-अभी तक नहीं जारी हुई पाठ्य पुस्तक नीति, छपाई और वितरण में लग जाएंगे चार महीने
"जल्द ही शासनादेश होने की उम्मीद है। शासनादेश होते ही तय नीति के अनुसार किताबों की छपाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कितना वक्त लगेगा, यह भी शासनादेश में तय नीति के आधार पर निर्भर करेगा।"
-पवन सचान, पाठ्य पुस्तक अधिकारी
लखनऊ : सरकार प्राइमरी स्कूलों में नया सत्र अप्रैल से ही शुरू करने जा रही है लेकिन मुफ्त किताब वितरण की अभी तक कोई तैयारी नहीं है। अभी तक सरकार ने पाठ्य-पुस्तक नीति तक जारी नहीं की है। ऐसे में बच्चों को नए सत्र में बिना किताबों के ही स्कूल जाना होगा। यदि अभी नीति जारी हो जाती है, तब भी कम से कम चार महीने का समय उनकी छपाई और वितरण में लग जाएगा।
पिछले वर्षों तक जुलाई में नया सत्र शुरू होता था। तब भी जनवरी-फरवरी में नीति जारी की जाती थी। उसके बावजुद जुलाई में भी किताबों का वितरण मुश्किल होता था। इस बार तो सरकार ने अप्रैल से ही नया सत्र शुरू करने का ऐलान किया है। शासन से पाठ्य पुस्तक नीति जारी न होने के कारण अधिकारी अभी तक टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं कर पा रहे हैं। टेंडर से लेकर किताबों की छपाई और वितरण तक एक लंबी प्रक्रिया होती है।
छपाई से वितरण तक अनुमानित समय-
तकनीकी विड 15 दिन
फाइनेंशियल विड 15 दिन
किताबों की छपाई 1 महीना
प्रदेश स्तर पर सत्यापन 15 दिन
जिलों में वितरण व सत्यापन 20 दिन
ब्लॉक और स्कूलों तक वितरण 20 दिन
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करीब 1 लाख पांचवीं तक के स्कूल हैं यूपी मे
1.60 करोड़ बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं
50 हजार लगभग आठवीं तक के स्कूल हैं यूपी में
50 लाख बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं
कुल 2.10 करोड़ बच्चों को मुफ्त किताबें दी जानी हैं
खबर साभार : नवभारत टाइम्स
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