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ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ कर सकेंगे बीएड : मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रस्ताव हरी झंडी मिलने पर अगले सत्र से सुविधा-

ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ कर सकेंगे बीएड : मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रस्ताव हरी झंडी मिलने पर अगले सत्र से सुविधा-

१-स्नातक के साथ कर सकेंगे बीएड : कठेरिया  

२-इसी तर्ज पर परास्नातक के साथ किया जा सकेगा  एमएड
 
३-मानव संसाधन विकास मंत्रालय का प्रस्ताव 
हरी झंडी मिलने पर अगले सत्र से सुविधा

आगरा (ब्यूरो)। देश में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय जल्द ही नया रास्ता निकालने जा रहा है। इसके लिए ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ-साथ बीएड और पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ एमएड करने की सुविधा देने के प्रस्ताव को हरी झंडी देने की तैयारी है।

सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री प्रो. रामशंकर कठेरिया ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि वर्तमान में देश में शिक्षकों की काफी कमी है। ऐसे में मंत्रालय ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ बीएड की सहूलियत प्रदान करेगा तथा पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ एमएड करने की छूट रहेगी। उनका कहना है कि इससे छात्र-छात्राओं के साल तो बचेंगे ही, साथ ही कम समय में ज्यादा शिक्षित लोग शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए तैयार होंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि इस प्रस्ताव पर मंत्रालय में सहमति बन चुकी है। अगले सत्र से इसे लागू किया जा सकता है।

 
आगरा : अब उच्च शिक्षा में छात्र-छात्रएं एक ही साल में दो  कोर्स कर समय का पूरा सदुपयोग कर सकेंगे। स्नातक के साथ बीएड और परास्नातक  के साथ एमएड कराने का अहम निर्णय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ले  चुका है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया ने  बताया कि उच्च शिक्षा का यह नया नियम अगले सत्र से लागू कर दिया जाएगा।  
 
सोमवार को प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री डॉ. कठेरिया ने बताया कि अब  तक एक समय में एक ही डिग्री की मान्यता है। यदि कोई छात्र दो संस्थागत  कोर्स एक साथ कर भी ले, तो उनमें से एक ही मान्य होता है। ऐसे में जो छात्र  दो कोर्स करना चाहते हैं, उनका समय अधिक बर्बाद होता है।    इस पर मंत्रलय  ने गंभीरता से विचार किया। डॉ. कठेरिया ने बताया कि अंतत: तय हुआ कि बीए के  साथ बीएड और एमए के साथ एमएड कोर्स को मान्य कर दिया जाए। उच्च शिक्षा का  यह नियम अगले सत्र से लागू हो जाएगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि, आगरा की  अव्यवस्थाओं पर भी केंद्रीय मंत्री गंभीर दिखे। उन्होंने दो टूक कहा कि  विवि के सुधार को तीन महीने का समय दिया गया है। उसके बाद बड़ा ऑपरेशन किया  जाएगा।    

उन्होंने बताया कि इस संबंध में वह राज्यपाल से मुलाकात करने जा  रहे हैं। इसके साथ ही केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा में सामने आए फर्जी  डिग्री और शब्दकोष घोटाले के बारे में वह बोले कि अभी कुछ दिन से आगरा से  बाहर था, इसलिए जानकारी नहीं हो सकी। वह खुद जाकर स्थिति देखेंगे और जांच  कराकर कार्रवाई करेंगे |

    खबर साभार : अमरउजाला/दैनिकजागरण

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