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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

निष्क्रिय अधिकारी बेबस कर्मचारी : परिषदीय विद्यालय, शिक्षा का मंदिर या जुआरियों का अड्डा

निष्क्रिय अधिकारी बेबस कर्मचारी : परिषदीय विद्यालय, शिक्षा का मंदिर या जुआरियों का अड्डा

इलाहाबाद : निष्क्रिय अधिकारी, बेबस कर्मचारियों की फौज देश की भावी पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय कर रही है। भारी भरकम बजट से हर मुहल्ले में चंद कमरों के विद्यालय खड़े कर दिए गए, शिक्षकों की नियुक्ति भी हो गई। परंतु पढ़ाई का माहौल आज तक नहीं दे पाए। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर के हालत कुछ ऐसे ही हैं, जो अधिकारियों की अनदेखी के चलते अराजकतत्वों के अय्याशी का अड्डा बना है। परिसर में दोपहर बाद से फड़ सज जाती है। जहां जुआ खेलने के साथ जमकर जाम भी लड़ाए जाते हैं। इसका सिलसिला आधी रात तक चलता है। सुबह मुहल्ले के लोग विद्यालय में शौच करने आते हैं। इसके चलते पूरा परिसर गंदगी के पट जाता है। विद्यालय खुलने पर कुछ जगह की सफाई होती है, जबकि कुछ जगह गंदगी के बीच बच्चे बैठते हैं। ऐसा नहीं है कि विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। प्रधानाध्यापिका कमला यादव ने विभागीय अधिकारियों से मुख्य द्वार पर गेट लगवाने के साथ परिसर की सफाई कराने की कई बार गुजारिश कर चुकी हैं, परंतु परिणाम सिफर रहा। कार्रवाई करना तो दूर किसी अधिकारी ने विद्यालय आकर वास्तविक स्थिति देखना भी मुनासिब नहीं समझा।

नहीं लगने देते गेट

मुहल्ले के अराजकतत्व इतने हावी हैं कि वह प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर में गेट लगने नहीं देते। प्रधानाध्यापिका गेट लगवाने का प्रयास करती भी हैं तो पहले काम रोक देते हैं। विरोध के बावजूद अगर गेट लगता है तो रात में उसे तोड़कर घर उठा ले जाते हैं। इसके बाद परिसर में प्रवेश करके गलत हरकत करते हैं।
हर कमरे का दरवाजा टूटा
प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर के हर कक्षा का दरवाजा टूटा है। आधा दरवाजा टूटा होने से अराजकतत्व आसानी से कमरे में प्रवेश कर जाते हैं। फिर अंदर शराब पीने के साथ जुआ खेलते हैं। जानकारी होने पर शिक्षिकाएं अगर किसी से कुछ कहती हैं तो उनसे अभद्रता की जाती है।

चुनाव के समय होती है सफाई

प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर में एक भी सफाई कर्मी नियुक्त नहीं है। प्रमुख कक्षाओं में प्रतिदिन की गंदगी व शौच को साफ कराने के लिए प्रधानाध्यापिका एक सफाई कर्मचारी बुलाती है, जिसका पैसा वह अपने पास से देती हैं। वह भी पूरा परिसर नहीं साफ करता। पूरे परिसर की सफाई विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान होती है, क्योंकि उस दौरान विद्यालय को पोलिंग बूथ बनाया जाता है।
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गला तर करने की व्यवस्था नहीं
प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। विद्यालय के बच्चों को चौराहे के पास लगे हैंडपंप पर पानी पीने के लिए जाना पड़ता है। इससे वह पढ़ाई करने के बजाय अधिकतर समय वहीं तफरी लेते रहते हैं।
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बीएसए को को घेरेंगे : अहमद

क्षेत्रीय पार्षद अहमद अली का कहना है प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर में सफाई कराने के लिए नगर निगम अधिकारियों से कई बार कहा, परंतु वह सुनते नहीं। विद्यालय में अराजकतत्वों का प्रवेश रोकने व पानी, सफाई की उचित व्यवस्था कराने को लेकर अधिकारियों को घेरा जाएगा। अगर उचित कार्रवाई नहीं करेंगे तो बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करूंगा।

       साभार : दैनिक जागरण

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