परिषदीय विद्यालयों के गुरूओं का मामला : घर में रहने को 'गुरुजी' हो रहे बीमार -
इलाहाबाद : घर में रहने की चाह में शिक्षक तरह-तरह की हिकमत अपना रहे हैं। बड़े-बड़े नेताओं, अधिकारियों से सिफारिश कराने के साथ खुद को बीमार दिखाने का नायाब तरीका अख्तियार किया है। डॉक्टरों की मदद से वह खुद को हृदय एवं गठिया रोगी बनाने के लिए रिपोर्ट तैयार करवाने का जुगाड़ लगा रहे हैं। रिपोर्ट के आधार पर उन्हें घर के पास तैनाती मिल सकती है। इसके चलते डॉक्टरों की परेशानी जरूर बढ़ गई है।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन प्रक्रिया 20 सितंबर से आरंभ होने की उम्मीद है। इसमें विधवा, विकलांग, शहीद सैनिकों के परिजनों के साथ गंभीर रोग के मरीजों को वरीयता मिलेगी। उन्हें दूर भेजने के बजाय घर के पास की तैनाती दी जाएगी। इसके मद्देनजर शिक्षक खुद को बीमार दिखाने के लिए चिकित्सकों का चक्कर काट रहे हैं। अधिकतर शिक्षकों ने खुद को गठिया एवं हृदय रोगी बताया है। कइयों ने कमर एवं गर्दन दर्द की शिकायत बताकर नियमित इलाज चलने का हवाला देते हुए मनचाहे जिला में रहने की हिकमत कर रहे हैं।
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वर्जन
बेसिक विद्यालयों के शिक्षक अक्सर हमारे पास आकर खुद को हृदय व गठिया
रोगी दिखाने के लिए रिपोर्ट बनाने की गुजारिश करते हैं। जबकि पड़ताल करने पर उन्हें कोई रोग नहीं होता। ऐसे लोगों को कड़ा निर्देश देकर हटा दिया जाता है।
-डॉ. आरएस ठाकुर, अधीक्षक तेजबहादुर सप्रू चिकित्सालय
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अगर कोई शिक्षक खुद को बीमार दिखाने के लिए फर्जी रिपोर्ट बनवा रहा है तो यह उसकी भूल है। हम रिपोर्ट के बजाय उसका अपने स्तर पर परीक्षण करवाएंगे, तब जाकर कोई कारवाई होगी।
-संजय सिन्हा, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद
साभार : दैनिक जागरण
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