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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

टीईटी से शिक्षक भर्ती का रोड मैप तैयार : आवेदकों का डाटा जिलों में होगा डिस्प्ले -

टीईटी से शिक्षक भर्ती का रोडमैप तैयार : आवेदकों का डाटा जिलों में होगा डिस्प्ले -
१-माध्यमिक शिक्षा विभाग ने मांगा टीईटी अंकों का ब्योरा
२-शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर सचिव बेसिक शिक्षा ने एनआईसी के साथ की समीक्षा
३-सभी जिलों के जिलाधिकारी तीन दिनों के भीतर डायट के माध्यम से शासन को एक प्रमाण पत्र देंगे
लखनऊ । प्रदेश में टीईटी की मेरिट 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती का रोडमैप बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है। इसी रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव ने विभागीय अफसरों को लेकर एनआईसी के अफसरों के साथ तैयारियों की समीक्षा की है। इसमें जिलों से डाटा मंगाने, अधूरा डाटा को पूरा कराने के लिए जिलाधिकारियों के तीन दिनों में ब्योरा तलब किया गया है।

इसके साथ ही एनआईसी की ओर से विकसित साफ्टवेयर के आधार पर एकत्र डाटा को जिलों में डिस्प्ले कराया जाएगा और एक प्रमाणपत्र भी लिया जाएगा। इसमें खामियों को दूर करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशालय में एक दो सदस्यीय समिति के जरिये विसंगतियों को दूर किया जाएगा। इन प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन टीईटी परीक्षा के प्राप्तांक अंकों की मेरिट के आधार कर किया जाना है, इसके लिए प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को टीईटी के अंकों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

बेसिक शिक्षा सचिव नीतीश्वर कुमार ने बताया कि जिन जिलों में अभी एक्सेल से एक्सेस पर डाटा हस्तांतरित नहीं हुआ है, उस जिलों को अलग से एनसीआरटी के माध्यम से निर्देशित किया जाएगा। एनआईसी के अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि जिलों के अधिकारियों यानि बीएसए व डायट प्राचार्य के डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से आंकड़ों को प्रमाणित कराया जाए। डाटा पोर्ट होने के बाद जिलों की एनआईसी के माध्यम से मुख्यालय में इकट्ठा होगा।

कुमार ने बताया कि एनआईसी जिलों के विवरण को अपलोड करेगा और वही सूची जिलों को दी जाएगी। उन्हें अपने मूल डाटा से मिलान करना होगा। इसमें किसी भी प्रकार की खामी या विसंगति होने पर एससीईआरटी मुख्यालय पर दो सदस्यतीय कमेटी बनाकर विसंगतियां निस्तारित की जायेंगी। मीटिंग में एनआईसी के अफसरों ने बताया कि साफ्टवेयर पर सभी जिलों के आंकड़े अभी एकत्र होने हैं, इसमें करीब 6 सप्ताह का समय लगेगा, इस पर सचिव ने सहमति दे दी है।

उन्होंने एससीईआरटी के निदेशक सव्रेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह को डाटा पोर्टिग में समस्या वाले जिलों के अफसरों को बुलाकर एनआईसी से मदद कराने को कहा है। एनआईसी से काम कराने के लिए एससीईआरटी व बेसिक शिक्षा के निदेशक को एमओयू के लिए अधिकृत किया गया है। बेसिक शिक्षा सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि डाटा फीडिंग में पिछड़े जिलों के जिलाधिकारियों को शासन की ओर से पत्र भेजा जाएगा और पत्र जारी होने के तीन दिनों के भीतर डायट के जरिये शासन को एक प्रमाणपत्र देना होगा।

         साभार : राष्ट्रीय सहारा

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