कानूनी पेचीदगियों में उलझी शिक्षकों की भर्तियां : शिक्षकों का है अकाल
१-कानूनी पेचीदगियों में उलझी शिक्षकों की भर्तियां
२-सर्व शिक्षा अभियान के तहत नए स्कूलों को मंजूरी नहीं
लखनऊ | प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था विद्यादान करने वाले गुरुजन का अकाल ङोल रही है। शिक्षकों की भर्तियां अरसे से कानूनी पेचीदगियों में उलझी हुई हैं। इसके लिए सरकार भी कम दोषी नहीं है जिसकी भर्ती प्रक्रिया की आए दिन अदालतों में धज्जियां उड़ती हैं। वहीं संसाधनों के अभाव में शिक्षण संस्थाओं और छात्रवासों का निर्माण या तो पूरा नहीं हो पाया या समय से पीछे चल रहा है।
तीन साल से अटकी बेसिक शिक्षकों की भर्ती
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के पौने तीन लाख पद खाली हैं, लेकिन शिक्षकों के 72825 रिक्त पदों पर बीएड डिग्रीधारकों की भर्ती पिछले पौने तीन वर्षो से लटकी हुई है। पहले अदालत में यह बहस चली कि भर्ती अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर कराई जाए या अभ्यर्थियों की शैक्षिक मेरिट पर। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को भर्ती तीन महीने में पूरी करने का अंतरिम आदेश दिया है तो सरकार ने तीन महीने का समय और मांगा है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षकों के 29334 रिक्त पदों पर पिछले साल शुरू की गई भर्ती भी कानूनी पचड़े में फंस गई है।
-:-नए स्कूलों के निर्माण को केंद्र ने नहीं दी धनराशि -:-
नए परिषदीय स्कूलों के निर्माण के लिए केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्तीय वर्ष में धनराशि देने से इंकार कर दिया है। यह कहते हुए कि राज्य सरकार पूर्व के वर्षो में स्वीकृत विद्यालयों का निर्माण पहले पूरा कराए।
साभार : जागरण
१-कानूनी पेचीदगियों में उलझी शिक्षकों की भर्तियां
२-सर्व शिक्षा अभियान के तहत नए स्कूलों को मंजूरी नहीं
लखनऊ | प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था विद्यादान करने वाले गुरुजन का अकाल ङोल रही है। शिक्षकों की भर्तियां अरसे से कानूनी पेचीदगियों में उलझी हुई हैं। इसके लिए सरकार भी कम दोषी नहीं है जिसकी भर्ती प्रक्रिया की आए दिन अदालतों में धज्जियां उड़ती हैं। वहीं संसाधनों के अभाव में शिक्षण संस्थाओं और छात्रवासों का निर्माण या तो पूरा नहीं हो पाया या समय से पीछे चल रहा है।
तीन साल से अटकी बेसिक शिक्षकों की भर्ती
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के पौने तीन लाख पद खाली हैं, लेकिन शिक्षकों के 72825 रिक्त पदों पर बीएड डिग्रीधारकों की भर्ती पिछले पौने तीन वर्षो से लटकी हुई है। पहले अदालत में यह बहस चली कि भर्ती अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की मेरिट के आधार पर कराई जाए या अभ्यर्थियों की शैक्षिक मेरिट पर। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 25 मार्च को भर्ती तीन महीने में पूरी करने का अंतरिम आदेश दिया है तो सरकार ने तीन महीने का समय और मांगा है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षकों के 29334 रिक्त पदों पर पिछले साल शुरू की गई भर्ती भी कानूनी पचड़े में फंस गई है।
-:-नए स्कूलों के निर्माण को केंद्र ने नहीं दी धनराशि -:-
नए परिषदीय स्कूलों के निर्माण के लिए केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्तीय वर्ष में धनराशि देने से इंकार कर दिया है। यह कहते हुए कि राज्य सरकार पूर्व के वर्षो में स्वीकृत विद्यालयों का निर्माण पहले पूरा कराए।
साभार : जागरण
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