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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

FAKE, SHIKSHAK BHARTI : सोशल मीडिया पर तमाम मार्कशीट हो रहीं वायरल, ऊंची मेरिट वाले अभ्यर्थियों का फर्जीवाड़े में आया नाम

FAKE, SHIKSHAK BHARTI : सोशल मीडिया पर तमाम मार्कशीट हो रहीं वायरलऊंची मेरिट वाले अभ्यर्थियों का फर्जीवाड़े में आया नाम

69000 : खुलासों से भर्ती प्रक्रिया पर और गहराए सवाल

बेसिक शिक्षा विभाग की 69,000 शिक्षक भर्ती में अनियमितता के रोज नए आरोप सामने आ रहे हैं। ऊंची मेरिट वाले अभ्यर्थियों का भी नाम फर्जीवाड़े में आने के बाद भर्ती पर सवाल और गहरा गए हैं। अभी तक सवालों में फंसी भर्ती की उच्चस्तरीय जांच को लेकर कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी ओर विपक्ष ने भी सरकार से तीखे सवाल किए हैं।


डेढ़ साल तक अटकी रहने के बाद हाई कोर्ट ने भर्ती का दरवाजा खोला ही था कि उस पर गलत सवालों की सांकल चढ़ गई। इसी बीच प्रयागराज पुलिस ने परीक्षाओं में सेटिंग और पर्चा आउट करवाने वाले गिरोह का खुलासा कर दिया। इसमें जिन लोगों को पैसे देकर पास होने के आरोप में पकड़ा गया है, उसमें लिखित परीक्षा में 150 में 141 नंबर पाने वाला अभ्यर्थी भी है। इस खुलासे के बाद अभ्यर्थियों ने भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।


 महत्वपूर्ण यह है कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद ही कई अभ्यर्थियों की डिटेल सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी। इन अभ्यर्थियों की अकैडमिक परीक्षाओं में परफॉर्मेंस बहुत खराब थी और लिखित परीक्षा में उनके नंबर काफी अधिक थे। कुछ ऐसे भी सफल अभ्यर्थियों के नाम वायरल हुए जिन्होंने एक ही सेंटर पर परीक्षा दी और एक ही परिवार से जुड़े थे। हालांकि, इन आरोपों को तवज्जो नहीं दी गई। अब पुलिस के खुलासे के बाद अभ्यर्थी बाकी आरोपों की भी जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं, डीजी स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद का कहना है कि पुलिस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का फैसला होगा।




बेसिक शिक्षा मंंत्री बोले- जो दोषी होगा, सजा भुगतेगा, विपक्ष के वार हुए तेज
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी का कहना है कि योगी सरकार ने तकनीक का इस्तेमाल कर व्यवस्था विकसित की। इसी के आधार पर 4000 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई हुई। कस्तूरबा विद्यालय का प्रकरण भी पारदर्शिता के चलते ही सामने आया। जिनके कार्यकाल में भर्ती आयोग भ्रष्टाचार आयोग में बदले हों, अध्यक्ष बर्खास्त हुए हों, वे कभी युवाओं का भला नहीं देख पाएंगे। पुलिस अपना काम कर रही है, जो दोषी होगा, वह सजा भुगतेगा।


सोशल मीडिया पर टीईटी और शिक्षक भर्ती परीक्षा की कई ऐसी मार्कशीट वायरल हो रही हैं, जिसमें अभ्यर्थियों के नाम और उनकी जातीय श्रेणी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल उठाने वालों में विपक्ष के साथ भाजपा नेता भी शामिल हैं। भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय ने दो दिन पहले ऐसी ही मार्कशीट ट्वीट कर कहा है कि 50% समस्याओं की जड़ भ्रष्टाचार है। लुटेरों की संपत्ति जब्त कर उम्रकैद की सजा दी जानी चाहिए।


 वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के उप सचिव अनिल कुमार का कहना है कि काउंसलिंग का मतलब नियुक्ति नहीं है। आवेदन में किसी भी गलती के लिए अभ्यर्थी जिम्मेदार होता है। काउंसिलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थी के मूल अभिलेखों की जांच जिला समिति करती है और भिन्नता पर उम्मीदवारी निरस्त की जाती है। सोशल मीडिया पर गलत मेसेज चलाए जा रहे हैं, जिन पर कार्रवाई के लिए साइबर सेल से कहा गया है।


69,000 सहायक शिक्षक भर्ती

शिक्षक भर्ती में जिस तरह गड़बड़ियों के मामले सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। ये गड़बड़ियां पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न हैं। यूपी के युवाओं का भविष्य रौंदा जा रहा है। सरकार इन गड़बड़ियों से जुड़े सारे तथ्य सामने लाए।  - प्रियंका गांधी वाड्रा, महासचिव, कांग्रेस

हजारों नौजवानों की जिंदगी से खिलवाड़ के लिए सरकार सार्वजनिक माफी मांगे। सरकार के संरक्षण के बिना पेपर आउट से लेकर उसे सॉल्व करवा कर 10-10 लाख रुपये में बिक्री जैसे कांड बिना सरकार के संरक्षण के कैसे हो सकते हैं/
 - अखिलेश यादव, अध्यक्ष, सपा

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