PROTEST, UPPSS : शिक्षकों की सरकार से वार्ता रही विफल, 21 जनवरी को स्कूलों में करेंगे तालाबंदी, शिक्षक महासंघ ने उप मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद लिया निर्णय, 25 को पुन: है बैठक
लखनऊ : 21 जनवरी को स्कूल-कॉलेजों में तालाबंदी
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के संरक्षक और विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा व अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने शिक्षकों की मांगें गिनाईं। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूलों में प्रेरणा एप से शिक्षकों को तीन बार सेल्फी भेजने के निर्देश हैं। ऐसे में न सिर्फ शिक्षकों के प्रति अविश्वसनीयता बढ़ती है बल्कि महिला शिक्षिकाओं की निजता से खिलवाड़ हो रहा है। वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को न्यूनतम 15 हजार रुपये मानदेय देने और सेवा नियमावली बनाने पर सरकार राजी हुई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वहीं पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, चिकित्सा प्रतिपूर्ति देने और डिग्री कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्त आयु 65 साल करने सहित कई मांगें हैं। शिक्षकों की संख्या इतनी अधिक थी कि न सिर्फ पूरा ईको गार्डेन भर गया बल्कि उसकी चहारदीवारी के बाहर भी भारी संख्या में शिक्षक खड़े अपने नेताओं के भाषण सुनते रहे। प्रदर्शन में एमएलसी हेम सिंह पुंडीर, जगवीर किशोर जैन, ध्रुव कुमार त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र व प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह आदि मौजूद रहे।
लखनऊ में गुरुवार को ईको गार्डेन में उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा आयोजित रैली के दौरान उपस्थित शिक्षक। जागरण
शिक्षकों की अन्य प्रमुख मांगे ’बेसिक शिक्षकों को एसीपी की सुविधा दी जाए
’अंतरजनपदीय तबादला सालभर हो
’योग्यता रखने वाले शिक्षामित्रों को टीचर बनाया जाए
’परिवार कल्याण प्रोत्साहन वेतनवृद्धि व सामूहिक बीमा पुन: लागू किया जाए
’कंप्यूटर व व्यावसायिक शिक्षकों को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा मिले
’महिला शिक्षकों को बाल्यकाल देखभाल अवकाश व अन्य अवकाश सरलता से मिलें
’यूजीसी नियमों के अनुसार डिग्री शिक्षकों की प्रोन्नति की जाए
कर्मचारी नेता को भाषण देने से रोका
महारैली में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी जब मंच पर भाषण देने पहुंचे तो शिक्षकों ने विरोध कर उन्हें रोक दिया।
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