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EDUCATION POLICY : नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव, राष्ट्रीय शिक्षा परिषद का होगा गठन, शिक्षा को मजबूती देने के लिए हुआ यह बदलाव

EDUCATION POLICY : नई शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव, राष्ट्रीय शिक्षा परिषद का होगा गठन, शिक्षा को मजबूती देने के लिए हुआ यह बदलाव

अर¨वद पांडेय ’ नई दिल्ली

प्रस्तावित नई शिक्षा नीति अब जल्द ही कुछ बड़े बदलावों के साथ सामने आएगी। इसकी पूरी तैयारी की जा चुकी है। इसे लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। जो बड़े बदलाव सामने आए हैं, उनमें शिक्षा को मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा आयोग की जगह अब राष्ट्रीय शिक्षा परिषद का गठन सबसे अहम है। इसके मुखिया मानव संसाधन विकास मंत्री होंगे। जबकि सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां बतौर सदस्य इसमें शामिल होंगे।

इससे पहले प्रस्तावित नीति में आयोग बनाने की सिफारिश की गई थी। जिसका मुखिया प्रधानमंत्री को बनाया गया था, जबकि उपाध्यक्ष के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री के नाम का प्रस्ताव था। सूत्रों के मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने नीति को अंतिम रूप देते हुए इस सिफारिश को खारिज कर दिया है। हालांकि इसके पीछे प्रधानमंत्री की व्यस्तताएं बताई जा रही हैं, जिसके चलते उनके लिए ऐसे आयोगों की जिम्मेदारी को ठीक तरीके से देख पाना मुश्किल होगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के गठन को मंजूरी दी गई है। यह कैब (केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड) की तर्ज पर ही राज्यों को साथ लेकर काम करेगी। हालांकि इसका मुख्य फोकस शिक्षा को मजबूती देने के साथ नई शिक्षा नीति को राज्यों के साथ मिलकर लागू करना है।

इसी बीच प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को लेकर आए करीब दो लाख सुझावों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। नीति को अंतिम रूप दे रही टीम से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, प्रस्तावित नीति को लेकर आए सुझावों में बड़े पैमाने पर दोहराव था। यही वजह है कि इस काम को तय समय से पहले पूरा कर लिया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा परिषद का होगा गठन, मानव संसाधन विकास मंत्री होंगे मुखिया, पहले आयोग का था प्रस्ताव

संसद में भी पेश होगी नीति

मानव संसाधन विकास मंत्रलय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, नई शिक्षा नीति को जल्दी ही इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इसके बाद कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो संसद में भी पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि कई वर्षो की मशक्कत के बाद नई शिक्षा नीति सामने आई है। इसे इसी साल 30 मई को मानव संसाधन विकास मंत्री को सौंपा गया था। प्रस्तावित नीति को इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तैयार किया था।


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