अनुदेशकों को देना होगा बढ़ा मानदेय
विधि संवाददाता: लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले याची शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को 17 हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय दिये जाने के आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कार्यकारी कमेटी व निदेशक, सर्व शिक्षा अभियान द्वारा जारी 9800 रुपये मानदेय के आदेशों को रद कर दिया है।
कोर्ट ने याचियों को मार्च 2017 से 17 हजार का मानदेय देने व बढे हुए मानदेय पर नौ फीसद सलाना ब्याज का भी भुगतान करने का आदेश दिया है। यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चैहान की बेंच ने अनुराग व एक अन्य तथा अमित वर्मा व अन्य की ओर से दाखिल दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। याचियों का कहना था कि वे अनुदेशक शारीरिक शिक्षा के पद पर नियुक्त हुए थे। याचियों ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कार्यकारी कमेटी के 21 दिसम्बर 2017 व स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, सर्व शिक्षा अभियान के दो जनवरी 2018 के आदेशों को चुनौती दी थी। याचिकाओं में कहा गया कि उक्त आदेशों के माध्यम से प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड के 27 मार्च 2017 के आदेश पर पुनर्विचार कर, याचियों का मानदेय 9800 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया था। जबकि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने मानदेय 17 हजार रुपये किये जाने का आदेश दिया था।
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