FEES : लंबे इंतजार के बाद फीस वापसी प्रक्रिया शुरू, जनवरी की जगह अप्रैल में अभ्यर्थियों के खाते में धन भेजने की तैयारी, 72825 शिक्षक भर्ती सपा शासनकाल में हुई समय सारिणी बेअसर
प्रयागराज : लंबे इंतजार के बाद सपा शासन की शिक्षक भर्ती की फीस वापसी शुरू हो रही है। हालांकि अभी सब अभ्यर्थियों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है, जिन्हें धन लौटाया जाना है। कुछ जिलों ने बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय से धन की डिमांड जरूर की है। ऐसे जिलों में अनुमोदन भेजा जा रहा है। बाकी जिलों व डायटों पर अभ्यर्थियों के फीस वापसी आवेदन पत्रों का मिलान चल रहा है। यह पूरा होते ही उनके खातों में धन भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में 30 नवंबर 2011 को 72825 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सूबे में सपा की सरकार आने पर पांच दिसंबर 2012 को इन पदों के लिए शैक्षिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया गया। प्रकरण शीर्ष कोर्ट तक पहुंचा तो टीईटी मेरिट पर ही नियुक्ति के निर्देश हुए। उससे पहले ही पांच दिसंबर 2012 विज्ञापन के तहत हजारों अभ्यर्थियों ने अलग-अलग जिलों में नियुक्ति पाने के लिए आवेदन किए, इसके लिए बड़े पैमाने पर फीस अदा की। सपा शासनकाल में ही 23 फरवरी 2015 को ही फीस वापसी का आदेश हुआ लेकिन, उसका अनुपालन नहीं हो सका। योगी सरकार ने अक्टूबर 2018 में निर्णय लिया कि अभ्यर्थियों को फीस उनके खाते में वापस की जाएगी। परिषद की ओर से दो नवंबर 2018 को आदेश जारी हुआ। अभ्यर्थियों से तीन से तीस नवंबर तक साक्ष्य सहित आवेदन लिए गए। एक से 15 दिसंबर तक बेसिक शिक्षा अधिकारियों को डाटा से आवेदन पत्रों का मिलान किया जाना था। 16 से 22 दिसंबर तक फीस वापसी के लिए वैध आवेदन पत्रों की सूची को अंतिम रूप देने के निर्देश थे। यह भी कहा गया कि 23 दिसंबर से सात जनवरी तक बेसिक शिक्षा परिषद डायट प्राचार्यो को धनराशि आवंटित करेगा और आठ से 23 जनवरी तक डायट प्राचार्य अभ्यर्थियों के खाते में धनराशि सीधे भेजेंगे। यह समय सारिणी परवान नहीं चढ़ सकी। अब तक बीएसए व डायट प्राचार्य उन अभ्यर्थियों की सूची तैयार नहीं कर सके हैं, जिन्हें फीस वापस की जानी है, बल्कि कुछ जिलों ने यह कार्य जरूर पूरा कर लिया है। वहां से धन की डिमांड होने पर उसका अनुमोदन भेजा जा रहा है। परिषद मुख्यालय की मानें तो अब इसमें तेजी आएगी और जल्द ही सभी को फीस वापस मिलेगी।
0 Comments