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ALLAHABAD HIGHCOURT, MATERNITY LEAVE : स्थायी,अस्थायी, तदर्थ या संविदा पर नियुक्त सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त

ALLAHABAD HIGHCOURT, MATERNITY LEAVE : स्थायी,अस्थायी, तदर्थ या संविदा पर नियुक्त सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त

विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि स्थायी,अस्थायी, तदर्थ या संविदा पर नियुक्त सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है। सरकार किसी के साथ भेद नहीं कर सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय गवाली बिजनौर में कार्यरत अनुदेशक अंशू रानी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया है कि वह याची को छह माह की मातृत्व छुट्टी दें। बीएसए ने याची को केवल 90 दिनों की छुट्टी स्वीकृत की थी।


प्रयागराज। इलाहाबाद हईकोर्ट ने कहा है कि
सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन की
मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का बैधानिक
अधिकार है । चाहे वह स्थायी, अस्थायी,
तदर्थ, संविदा या किसी भी अन्य रूप में
कर्मचारी हों मातृत्व अवकाश पाने का सभी को
समान अधिकार है । सरकार किसी के साथ
भेदभाव नहीं कर सकती ।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अंशू
रानी अनुदेशक पूर्व माध्यमिक विद्यालय
गवाली बिजनौर की याचिका को स्वीकार करते
हुए दिया हैं । कोर्ट ने बीएसए को आदेश दिया
कि वह याची को छह माह का मातृत्व
अवकाश स्वीकृत करें। बीएसए ने याची को
सिर्फ 90 दिन का ही मातृत्व अवकाश स्वीकृत
किया था। कोर्ट ने कहा है कि याची को



अवकाश के दौरान का पूरा मानदेय दिया जाए
। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला
देते हुए कहा है कि सरकारी स्थायी महिला
कर्मी को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे की
देखभाल करने के लिए 730 दिन की छुट्टी
पाने का भी अधिकार है ।

कोर्ट ने कहा है कि भारतीय संविधान सभी
को समान अधिकार देता है ।और जाति धर्म
लिंग आदि के आधार पर विभेद करने पर रोक
लगाता है, केंद्र सरकार ने कानून बनाया है।
ऐसे में सरकार मनमानी नहीं कर सकती।

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि महिला कर्मचारी स्थायी, अस्थायी, तदर्थ या संविदा पर नियुक्त हो। ऐसी सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है। कहा कि सरकार किसी के साथ विभेद नहीं कर सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय गवाली बिजनौर में कार्यरत अनुदेशक अंशू रानी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया है कि वह याची को छह माह की मातृत्व छुट्टी दें। बीएसए ने याची को केवल 90 दिनों की छुट्टी स्वीकृत की थी। कोर्ट ने कहा कि याची को पूरे मानदेय का भुगतान किया जाए। कोर्ट ने शीर्ष कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि सरकारी स्थायी महिला कर्मचारी को 18 साल से कम आयु के बच्चे की देखभाल करने के लिए 730 दिन के अवकाश पाने का भी अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान सभी को समान अधिकार देता है और जाति, धर्म, लिंग के आधार पर विभेद करने पर रोक लगाता है। कहा कि केंद्र सरकार ने कानून बनाया है ऐसे में सरकार मनमानी नहीं कर सकती।

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