logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ALLAHABAD HIGHCOURT, STRIKE : यूपी में राज्य कर्मचारियों को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित किया

ALLAHABAD HIGHCOURT, STRIKE : यूपी में राज्य कर्मचारियों को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित किया


वि‍धि‍ संवाददाता, लखनऊ । राज्य कर्मचारियों को बड़ा झटका देते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि न तो कोई कर्मचारी यूनियन हड़ताल करेगी और न ही किसी कर्मचारी को हड़ताल के लिए प्रेरित करेगी। इसके साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिया है कि यदि कोई कर्मचारी या यूनियन हड़ताल पर जाती है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। हालांकि कर्मचारियों के मांगों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए न्यायालय ने सरकार को यह भी आदेश दिया है कि उनकी मांगों पर विचार करने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए और उन पर बाकायदा विचार किया जाए।


यह आदेश न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा व न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से दायर एक याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया था कि याची के माता-पिता व पत्नी बीमार रहती हैं जिन्हें चिकित्सीय सुविधाएं दिलाना आवश्यक है। लेकिन राज्य कर्मचारियों ने 6 से 12 फरवरी तक हड़ताल पर जाने की घोषणा कर रखी है। याची का कहना था कि इस वजह से वह बीमार माता-पिता व पत्नी को चिकित्सीय सुविधाएं नहीं दिला पाएगा। याची की ओर से यह भी दलील दी गई कि इस समय बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं और हड़ताल के कारण उसमें भी व्यवधान पड़ेगा। इन आधारों पर याची की ओर से राज्य कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध घोषित करने की मांग की गई थी।

वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह उपस्थित हुए। उन्होंने न्यायालय को बताया कि सरकार स्वयं हड़ताल पर सख्त है और मात्र दस प्रतिशत कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की सूचना है। 

याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने हड़ताल के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कहा कि हर सरकारी विभाग में वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति चेक करें और यदि कोई धरना-प्रदर्शन होता है तो उसकी वीडियोग्राफी भी कराएं। न्यायालय ने हड़ताल पर की गयी कार्यवाही के बावत सरकार को एक माह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है। 

सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों की हड़ताल अवैध घोषित, हाईकोर्ट ने कहा- कार्रवाई कर रिपोर्ट दें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बुधवार से शुरू हुई सरकारी कर्मचारियों व शिक्षकों की हड़ताल को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अवैध घोषित कर दिया है। इस संबंध में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि यह हड़ताल सरकारी कर्मचारियों के सेवा आचरण नियमों के खिलाफ है। वहीं, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की वीडियोग्राफी करवाएं और नियमानुसार कार्रवाई करें।

इस मामले में अधिवक्ता राजीव मिश्रा ने याचिका दायर की थी। याची का कहना था कि इस समय यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू चुकी हैं। इनमें लाखों विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। सरकारी कार्य भी चल रहे हैं। इनके बीच अचानक हड़ताल की घोषणा कर दी गई। इसे 12 तारीख तक चलाया जा रहा है। जिससे समस्त व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।


प्रदेश सरकार ने इसे लेकर एस्मा लगा दिया है फिर भी हड़ताल की जा रही है। याची ने सुप्रीम कोर्ट के 1962 के एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि आवश्यक अवसरों पर सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकते।


सुबह शुरू हुई सुनवाई के बाद जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा और जस्टिस अजय भनोट ने सरकार को दोपहर तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। याची के वकील अनुराग शुक्ला के अनुसार सरकार की ओर से बताया गया है कि एस्मा लगाया गया फिर भी करीब 10 प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल पर हैं। मामले में एक अन्य जनहित याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी।

कार्रवाई करते हुए एक महीने में दाखिल की जाए रिपोर्ट

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि निर्धारित नियमों के अनुसार यह हड़ताल अवैध है। इसे तत्काल खत्म किया जाए। इसके बाद भी जो कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं, उनकी वीडियोग्राफी करवाई जाए। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई करते हुए एक महीने में हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की जाए।

Post a Comment

0 Comments