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MAN KI BAAT : बच्चों को अभिव्यक्ति के अवसर देने के फायदे क्या हैं.......आइये जानें.....?

बच्चों को अभिव्यक्ति के अवसर देने के फायदे क्या हैं?

आमतौर पर बच्चों से हमारी अपेक्षा होती है कि वे किसी कहानी को ज्यों का त्यों सुना दें। बच्चों से हमारी ऐसी अपेक्षा कितनी जायज है? यह सवाल हमें खुद से ही पूछना चाहिए। जब हमने बचपन में अपनी दादी-नानी से कहानी सुनी थी, तो क्या उन्होंने हमसे कहानी को ज्यों का त्यों सुनाने के लिए कहा था, शायद नहीं। लेकिन जब हम  बच्चों को कोई कहानी सुनाते हैं तो यह पूछने में देर नहीं लगाते हैं कि कहानी से आपको क्या सीख मिली? कौन सा बच्चा इस कहानी को सुनाएगा? ऐसे सवालों से बच्चे सहम जाते हैं, उनको लगता है कि पूरी कहानी को ज्यों का त्यों सुनाना तो बड़ा काम है।

‘कहानी सुनने का आनंद’ बने सर्वोपरि

ऐसे माहौल में कहानी सुनाने और सुनने का आनंद गौड़ हो जाता है। किताब में लिखे शब्द बच्चों के अनुभवों और उनके मन में उठने वाले विचारों पर हावी हो जाते हैं, ऐसे में जरूरी है कि हम बच्चों को अपने शब्दों में कहानी सुनाने का मौका दें। अगर ऐसा करते समय बच्चे स्थानीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो करने दें। अगर वे कोई घटना भूल जाते हैं तो उसे भी तुरंत सही करने की कोशिश न करें, बच्चे खुद से सुधार कर लेंगे। उनको यह आत्मविश्वास देना जरूरी है कि हमारे शब्द, विचार और अनुभव मायने रखते हैं। हमारे शिक्षक उसको महत्व देते हैं और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

अभिव्यक्ति के अवसर से बढ़ेगा बच्चों का आत्मविश्वास

अगर बच्चों को विभिन्न तरीकों से कक्षा में अपनी बात कहने, सवाल पूछने, अपने विचारों को लिखने और उसके बारे में चित्र बनाकर, रोल प्ले के माध्यम से अभिव्यक्ति का अवसर मिलता है तो यह दीर्घकाल में सकारात्मक परिणाम लेकर आयेगा। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। वे अज़नबी लोगों से मिलने के दौरान भी संकोच नहीं करेंगे। इसके लिए निम्न गतिविधियां हैं उपयोगीः-

1-बच्चों को अपने बारे में बताने का अवसर दें।


2-बच्चों के अच्छे प्रयासों के लिए प्रोत्साहित करें।


3-बच्चों को भाषा कालांश के दौरान पुस्तकालय से कहानी सुनने का मौका दें।


4-पुस्तकालय से घर ले जाकर किताब पढ़ने का मौका दें।


5-उनको अपने शब्दों में लिखने के लिए प्रोत्साहन दें।


6-कक्षा में सबके समाने पढ़ने का अवसर दें।


7-रोल प्ले जैसी गतिविधि करने का मौका दें।


8-सुनी हुई कहानी के बारे में चर्चा का अवसर दें।


9-बच्चों को अपने शब्दों में कहानी को सुनाने के लिए प्रोत्साहित करें ।


10-कक्षा के प्रत्येक बच्चे की भागीदारी कालांश के दौरान संवाद में हासिल करने का प्रयास करें।


Posted by : Virjes Singh

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