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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

GRANT, BUDGET, TEACHERS, SCHOOL : प्राइमरी स्कूलों में भी होगा कान्वेंट जैसा माहौल, जारी कंपोजिट स्कूल ग्रांट से खरीदी जा रही सामग्री, शिक्षकों से मांगे जा रहे सुझाव। 

GRANT, BUDGET, TEACHERS, SCHOOL : प्राइमरी स्कूलों में भी होगा कान्वेंट जैसा माहौल, जारी कंपोजिट स्कूल ग्रांट से खरीदी जा रही सामग्री, शिक्षकों से मांगे जा रहे सुझाव। 

प्राइमरी स्कूलों में भी होगा कांवेंट जैसा माहौल

शिक्षकों से मांगे जा रहे सुझाव

विद्यालयों को जारी की गयी है कंपोजिट स्कूल ग्रांट 25 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक खरीदी जा रही सामग्री 

द कमल तिवारीलखनऊ। एसएनबीसूबे की योगी सरकार सरकारी स्कूलों को कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर संवारने में लगी है। सरकार की इस पहल से राज्य के सरकारी स्कूलों का कलेवर बदलने लगा है। परिषदीय विद्यालयों को इसके लिए 25 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की कम्पोजिट स्कूल ग्रांट नाम से धनराशि भी जारी की गयी है, इसके साथ ही और बेहतर करने के लिए शिक्षकों से भी मशविरा लिया जा रहा है। सरकार की इस मुहिम में शीर्ष पर स्वच्छता अभियान है। कंपोजिट स्कूल ग्रांट छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों को मुहैया करायी जा रही है और इस धनराशि की शासन व निदेशालय द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है और सभी को वित्तीय वर्ष पूरा होने के पहले ही खर्च भी करनी होगी। इस कम्पोजिट धनराशि का सहीं तौर पर इस्तेमाल किया गया तो विद्यालयों की सूरत में बदलाव होना तय है।मिली जानकारी के मुताबिक 100 से कम छात्र संख्या पर 25 हजार व 100 से ज्यादा 200 तक 50 हजार व 200 से अधिक होने पर धनराशि प्रति विद्यालय डेढ़ लाख तक जारी हो रही है। इस धनराशि को देने का लक्ष्य विद्यालयों में स्वच्छता के प्रति बच्चों को जागरूक करके उन्हें सेहतमंद भी रखना होगा। स्वच्छता अभियान के तहत स्कूलों को हाथ धोने का साबुन, फिनायल, चूना, बाल्टी, मग, कूड़ादान, टॉयलेट ब्रश, क्लीनर रखना होगा, यहां तक कि बच्चों के नाखूनों की गंदगी न बढ़े, इसके लिए 4-8 नेल कटर भी रखने होंगे। इसके साथ ही विद्यालयों में अनुरक्षण कार्य कराना होगा। इसमें कुर्सी ,मेज, झूला ,हैंडपंप, ब्लैक बोर्ड ,फर्श एवं दीवार के आंशिक प्लास्टर/पैच वर्क एवं अन्य समस्त प्रकार की छोटी मोटी मरम्मत एवं रखरखाव, स्मार्ट क्लास एवम टीचर रिसोर्स लैब (टी.आर.एल.) का रखरखाव शामिल है। विद्यालयों में रंगाई, पुताई के साथ ही पेंटिंग कार्य भी कराना होगा, इसके लिए लोगों के साथ ही जरूरी मोबाइल व विद्यालय के प्रधानाध्यापक का नाम (दूरभाष नंबर सहित) एवं समस्त अध्यापकों के नाम, अधिकारियों के नाम एवं मोबाइल नंबर, जिला अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, ग्राम प्रधान के नाम (दूरभाष न सहित), दर्ज कराना होगा, इसके साथ महत्वपूर्ण दूरभाष नंबरों पुलिस सेवा, फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, किचन पर एमडीएम का मीनू, विद्यालय में बरामदा के ऊपर विद्यालय का यू डाइस कोड एवं नाम ,विकास खंड तथा जनपद का नाम देने होंगे। विद्यालयों में फस्ट एड बॉक्स रखना जरूरी है। रुई,मेडिकल टेप, क्रेप बैंडेज, मरहम पट्टी, त्रिकोणीय बैंडेज, र्थमामीटर, कैंची, दस्ताने, एंटीसेप्टिक लिक्विड, पेन रिलीवर टेबलेट, पेरासिटामोल, पेट दर्द एवं गैस की दवा, बरनोल, ओआरएस पैकेट, आंख पर लगाने वाली पैड, गर्म पानी की बोतल, ब्लेड, बर्फ की थैली, एंटीसेप्टिक क्रीम रखनी होगी। स्टेशनरी, टाट पट्टी/चटाई/दरी की खरीद होगी, पर्याप्त संख्या में टाट पट्टी/चटाईयां/दरी बच्चों के कक्षा कक्ष में बैठने के अलावा रेडियो प्रोग्राम (मीना मंच, जन पहल, आओ अंग्रेजी सीखें के लिए रेडियो (केवल मरम्मत) एवं बैटरी क्रय इंटरनेट बिल,विद्युत उपकरण (क्रय व मरम्मत), स्विच, प्लग, तार, एलईडी बल्ब, पंखे की मरम्मत तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए माइक /एंपलीफायर ढोलक, मजीरा ढपली , बांसुरी, स्टॉपवॉच की खरीद की जा सकेगी। विद्यालयों में दीवार घड़ी , महापुष/स्वतंत्रता सेनानियों की फोटो लगानी होगी। कृषि व बागवानी सामग्री , शिक्षक सहायक सामग्री, दिव्यांग छात्रों के लिए टी.एल.एम. एवं एम्बोसड ग्लोब एवं मानचित्र शामिल है। कांवेंट स्कूलों की तरह बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए पुरस्कार वितरण की सामग्री में पेन/पेंसिल/लंच बॉक्स, कहानियां/पेंटिंग की किताबें, मोमेंटो आदि की खरीद की जा सकती है। 

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