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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ADVERTISEMENT, OPRF, E-MAIL : सभी पेंशन विहीन शिक्षक/कर्मचारियों साथियों ई - मेल पर पुरानी पेंशन के बारे में अपनी राय अवश्य दें जिससे पुरानी पेंशन बहाली को मजबूती प्रदान हो सके।

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5 Comments

  1. महोदय, आप द्वारा लिए जाने वाले पुरानी पेंशन से संबंधित सुझाव के क्रम में बस इतना ही अनुरोध करना चाहता हूं कि हमको -- *केवल पुरानी पेंशन ही चाहिए।।*
    *नई पेंशन योजना हम,हमारे परिवार व भविष्य के लिए पूरी तरह से घातक है,इसलिए बिल्कुल मंजूर नहीं।* एनपीएस में होने वाले किसी भी प्रकार के सुझाव को हम स्वीकार नहीं करेंगे। नई पेंशन योजना पूर्ण रूप से शेयर मार्केट पर आधारित है, और क्या भरोसा है जिस कंपनी में हमारा पैसा लगे, वह कंपनी जब हम रिटायर हो तो पैसा लेकर फरार हो जाए या दिवालिया हो जाये। और हम लोग हाथ मलते रह जाएं। *महोदय हमको अपने रिटायरमेंट पर प्राप्त होने वाले अंतिम वेतन की 50% धनराशि और उस पर समय-समय पर लगने वाले महंगाई भत्ते व अन्य सुविधाओ सहित प्रतिमाह प्रतिफल चाहिए।भले ही आप उसका नाम एनपीएस रखिये,या ओपीएस।*

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  2. महोदय
    सादर अवगत कराना है कि नवीन पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना में बहुत अंतर है कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना ही हितकर है। अतः आपसे पुरानी पेंशन बहाली केलिये निवेदन करता हूं
    दोनो में अन्तर –
    1-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 सुविधा उपलब्ध है जबकि नयी पेंशन योजना में जी0 पी0एफ0 नहीं है ।
    2-पुरानी पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नही होती है जब चाहो जितनी जमा करेा जब चाहो जितनी निकालो ,जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10% की कटौती निर्धारित है और निकालने का कुछ पता नहीं है।
    3-पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन(अन्तिम वेतन का 50%) की गारेण्टी है जबकि नयी पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है ।
    4-पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नयी पेंशन बीमा कम्पनी देगी । यदि कोई समस्या आती है तो हमे सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लडना पडेगा ।
    5-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी( अन्तिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की कोई व्यवस्था नहीं है ।
    6-पुरानी पेंशन वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो 7nth पे कमीशन ने 10लाख से बढाकर 20लाख कर दिया है जबकि नयी पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा समाप्त कर दी गयी है ।
    7-पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है ।
    8-पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छ: माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नयी पेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा।
    9-पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है( विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल) ।
    10-पुरानी पेंशन योजना में जी0 पी0 एफ0 निकासी( रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो जो अंशदान का 60%वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा ।
    11-जी 0पी0एफ0पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एन0 पी0 एस0 पूरी तरह शेयर पर आधारित है।

    नई पेन्‍शन योजना एक धोखा मात्र है………………

    *एक सरकारी कर्मचारी 30-35 साल पूर्ण मनोयोग से देश की सेवा करता है, सेवा करते हुए वह वृद्धावस्था में पहुंच जाता है जो कि जीवन का सबसे कठिन, पराश्रित समय होता है। इसमें किसी के आश्रित न रहे इसलिए इस अहितकारी नई पेंशन व्यवस्था को हटा कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को मूल स्वरूप में तत्काल लागू किया जाए। भले ही इसका नाम कुछ भी दे दिया जाए परंतु सुविधाएं पुरानी पेंशन योजना वाली ही दी जाएं।*
    *मेरे अनुसार इसको लागू करना इतना कठिन इसलिए नहीं है क्योंकि अभी भी हमारे देश मे कई प्रान्तों में पुरानी पेंशन ही दी जा रही है और अभी हाल में ही दिल्ली राज्य में भी लागू कर दी गयी है। इतना ही नहीं हमारे प्रदेश के नेता, मंत्रीगण को तो आजतक पुरानी पेंशन ही दी जा रही है तो इन कर्मचारियों, जो नेताओं से कहीं ज्यादा समय तक देश की सेवा करते है, के साथ ऐसा अन्याय न करके उनको भी पुरानी पेंशन योजना ही बहाल कर उसका ही लाभ दिया जाए*"

    सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि सरकारी कर्मचारियों को वो ही सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए, जिससे उनको वास्तविक रूप से लाभ प्राप्त हो सके।
    धन्यवाद!!!
    निवेदक
    पेंशन विहीन

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  3. महोदय
    सादर अवगत कराना है कि नवीन पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना में बहुत अंतर है कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना ही हितकर है अतः आपसे पुरानी पेंशन बहाली के लिए निवेदन करता हूं
    दोनो में अन्तर –
    1-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 सुविधा उपलब्ध है जबकि नयी पेंशन योजना में जी0 पी 0एफ0 नहीं है ।
    2-पुरानी पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नही होती है जब चाहो जितनी जमा करेा जब चाहो जितनी निकालो  जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10% की कटौती निर्धारित है और निकालने का कुछ पता नहीं है।
    3-पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन(अन्तिम वेतन का 50%) की गारेण्टी है जबकि नयी पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है ।
    4-पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नयी पेंशन बीमा कम्पनी देगी । यदि कोई समस्या आती है तो हमे सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लडना पडेगा ।
    5-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी( अन्तिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की कोई व्यवस्था नहीं है ।
    6-पुरानी पेंशन वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो 7nth पे कमीशन ने 10लाख से बढाकर 20लाख कर दिया है जबकि नयी पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा समाप्त कर दी गयी है ।
    7-पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है ।
    8-पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छ: माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नयी पेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा।
    9-पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है( विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल) ।
    10-पुरानी पेंशन योजना में जी0 पी0 एफ0 निकासी( रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो जो अंशदान का 60%वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा ।
    11-जी 0पी0एफ0पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एन0 पी0 एस0 पूरी तरह शेयर पर आधारित है    नई पेन्‍शन योजना एक धोखा मात्र है………………

    *एक सरकारी कर्मचारी 30-35 साल पूर्ण मनोयोग से देश की सेवा करता है, सेवा करते हुए वह वृद्धावस्था में पहुंच जाता है जो कि जीवन का सबसे कठिन, पराश्रित समय होता है। इसमें किसी के आश्रित न रहे इसलिए इस अहितकारी नई पेंशन व्यवस्था को हटा कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को मूल स्वरूप में तत्काल लागू किया जाए। भले ही इसका नाम कुछ भी दे दिया जाए परंतु सुविधाएं पुरानी पेंशन योजना वाली ही दी जाएं।*
    *मेरे अनुसार इसको लागू करना इतना कठिन इसलिए नहीं है क्योंकि अभी भी हमारे देश मे कई प्रान्तों में पुरानी पेंशन ही दी जा रही है और अभी हाल में ही दिल्ली राज्य में भी लागू कर दी गयी है। इतना ही नहीं हमारे प्रदेश के नेता, मंत्रीगण को तो आजतक पुरानी पेंशन ही दी जा रही है तो इन कर्मचारियों, जो नेताओं से कहीं ज्यादा समय तक देश की सेवा करते है, को भी पुरानी पेंशन योजना ही बहाल की जाए*"
    धन्यवाद!!!
    निवेदक
    शिवम चतुर्वेदी

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  4. Nps सरकारी कर्मचारियों के लिए अहित कारी है । अतः opsको मूल स्वरूप मे तुरन्त लागू किया जाय ।

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  5. महोदय
    सादर अवगत कराना है कि नवीन पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना में बहुत अंतर है कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना ही हितकर है अतः आपसे पुरानी पेंशन बहाली के लिए निवेदन करता हूं
    दोनो में अन्तर –
    1-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 सुविधा उपलब्ध है जबकि नयी पेंशन योजना में जी0 पी 0एफ0 नहीं है ।
    2-पुरानी पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नही होती है जब चाहो जितनी जमा करेा जब चाहो जितनी निकालो जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10% की कटौती निर्धारित है और निकालने का कुछ पता नहीं है।
    3-पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन(अन्तिम वेतन का 50%) की गारेण्टी है जबकि नयी पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कम्पनी पर निर्भर है ।
    4-पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नयी पेंशन बीमा कम्पनी देगी । यदि कोई समस्या आती है तो हमे सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लडना पडेगा ।
    5-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी( अन्तिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की कोई व्यवस्था नहीं है ।
    6-पुरानी पेंशन वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो 7nth पे कमीशन ने 10लाख से बढाकर 20लाख कर दिया है जबकि नयी पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा समाप्त कर दी गयी है ।
    7-पुरानी पेंशन में आने वाले लोंगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है ।
    8-पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छ: माह बाद महँगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नयी पेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी महँगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा।
    9-पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जी0 पी0 एफ0 से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है( विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफण्डेबल) ।
    10-पुरानी पेंशन योजना में जी0 पी0 एफ0 निकासी( रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पडता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो जो अंशदान का 60%वापस मिलेगा उसपर आयकर लगेगा ।
    11-जी 0पी0एफ0पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एन0 पी0 एस0 पूरी तरह शेयर पर आधारित है नई पेन्‍शन योजना एक धोखा मात्र है………………

    *एक सरकारी कर्मचारी 30-35 साल पूर्ण मनोयोग से देश की सेवा करता है, सेवा करते हुए वह वृद्धावस्था में पहुंच जाता है जो कि जीवन का सबसे कठिन, पराश्रित समय होता है। इसमें किसी के आश्रित न रहे इसलिए इस अहितकारी नई पेंशन व्यवस्था को हटा कर पुरानी पेंशन व्यवस्था को मूल स्वरूप में तत्काल लागू किया जाए। भले ही इसका नाम कुछ भी दे दिया जाए परंतु सुविधाएं पुरानी पेंशन योजना वाली ही दी जाएं।*
    *मेरे अनुसार इसको लागू करना इतना कठिन इसलिए नहीं है क्योंकि अभी भी हमारे देश मे कई प्रान्तों में पुरानी पेंशन ही दी जा रही है और अभी हाल में ही दिल्ली राज्य में भी लागू कर दी गयी है। इतना ही नहीं हमारे प्रदेश के नेता, मंत्रीगण को तो आजतक पुरानी पेंशन ही दी जा रही है तो इन कर्मचारियों, जो नेताओं से कहीं ज्यादा समय तक देश की सेवा करते है, को भी पुरानी पेंशन योजना ही बहाल की जाए*"
    धन्यवाद!!!
    ?
    निवेदका
    हेमलता त्रिपाठी

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