INTERDISTRICT TRANSFER : महिला शिक्षक 5 साल से पहले पाएंगी अंतरजनपदीय तबादला! हाई कोर्ट के आदेश से खुला रास्ता, शासन से निर्देश जारी
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग की महिला शिक्षकों के लिए पांच साल से पहले ही अंतरजनपदीय तबादले का रास्ता खुल गया है। हाई कोर्ट के आदेश पर शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग से कहा है कि महिला शिक्षकों को पति की तैनाती की जगह या ससुराल वाले जनपद में तबादला देने के आवेदन पर विचार हो। इसका लाभ फिलहाल उन शिक्षकों को ही मिलेगा जो कोर्ट गई थीं, माना जा रहा है कि इसके आधार पर अन्य शिक्षक भी आवेदन कर सकेंगी।
पहले पुरुष शिक्षक तीन साल और महिला शिक्षक दो साल की नौकरी के बाद ही अंतरजनपदीय स्थानांतरण पा सकते थे। बीजेपी सरकार ने यह समय सीमा पांच साल कर दी। हाल ही में अंतरजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया शुरू होने पर महिला शिक्षकों ने कोर्ट में अपील की। याचिका में महिलाओं के लिए प्रदेश सरकार के तीन मई के आदेश का हवाला दिया गया। इसमें पति-पत्नी के नौकरी में होने और ससुराल में कोई दिक्कत होने पर तबादले की छूट दी गई है। इस पर कोर्ट ने सरकार को उचित निर्णय लेने को कहा था।
अब संयुक्त सचिव ने निदेशक बेसिक शिक्षा को भेजे आदेश में कहा है कि महिला शिक्षकों के आवेदनों पर केस-टू-केस विचार हो। आदेश में संबंधित जिले में पद खाली होने और विशेष परिस्थितियों में विचार करने की शर्त भी है।
'केस टु केस' पर शिक्षक नाराज
सरकारी आदेश में लगाई गई शर्तों पर शिक्षक नाराज हैं। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि महिला शिक्षकों को विशेष परिस्थितियों में राहत देने का नियम सबके लिए लागू होना चाहिए।'केस टू केस' सुनवाई की शर्त लगाकर सरकार ने बला टाली है। अब शिक्षकों को पहले कोर्ट फिर अधिकारियों के चक्कर लगाने होंगे।
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