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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ADVERTISEMENT, BSA, BASIC SHIKSHA : बिना आदेश के प्रदेश भर में कई बीएसए ने जारी कर दिया लाखों का विज्ञापन, बेसिक शिक्षा परिषद ने कड़ा पत्र जारी किया जवाब-तलब, माँगा स्पष्टीकरण, हो सकती है रिकवरी

ADVERTISEMENT, BSA : बिना आदेश के प्रदेश भर में कई बीएसए ने जारी कर दिया लाखों का विज्ञापन, बेसिक शिक्षा परिषद ने कड़ा पत्र जारी किया जवाब-तलब, माँगा स्पष्टीकरण, हो सकती है रिकवरी

🔴  परिषद मुख्यालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से किया जवाब-तलब
🔵  10 हजार अध्यापकों की भर्ती में डीएड को शामिल करने का मामला
🌕  बेसिक शिक्षा अधिकारियों से हो सकती है रिकवरी

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने बिना आदेश के ही लाखों रुपये के विज्ञापन जारी किए हैं। शिक्षक भर्ती के लिए एक जिले ने विज्ञापन निकाला तो अधिकांश बीएसए ने आदेश की परवाह किए बगैर ताबड़तोड़ विज्ञापन जारी किए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों के इस कदम से बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय में हड़कंप रहा और सभी को कड़ा पत्र जारी करके जवाब-तलब किया गया है। कहा गया है कि क्यों न इस कार्य में उनका उत्तरदायित्व तय कर दिया जाए।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 2013 में हुई 10 हजार शिक्षक भर्ती में डीएड (विशेष शिक्षा) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को मौका न मिलने पर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल हुई थी। बीते तीन नवंबर को हाईकोर्ट ने परिषदीय स्कूलों की शिक्षक भर्ती पर लगी रोक हटा ली। इसके बाद परिषद ने अवमानना याचिका हर्ष कुमार व अन्य बनाम राजप्रताप सिंह व अन्य पर संबंधित अभ्यर्थियों को मौका देने का आदेश जारी कर दिया। हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, झांसी, संभल व बागपत को छोड़कर सभी जिलों में इसके लिए काउंसिलिंग कराने के निर्देश हुए। परिषद मुख्यालय की ओर से उक्त जिलों को छोड़कर अन्य जिलों के लिए एक विज्ञापन भी निकाला गया, ताकि उसी के अनुरूप नियुक्तियां हो सकें। साथ ही सभी बीएसए को निर्देश अलग से भेजे गए। इसमें विज्ञापन जारी कराने का निर्देश नहीं दिया गया।

इसके बाद भी प्रदेश के अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने मनमाने तरीके से प्रदेश भर में विज्ञापन जारी कराए। असल में इसके पहले की भर्तियों में बेसिक शिक्षा अधिकारी हर जिले में तय पदों के सापेक्ष विज्ञापन जारी करते रहे हैं, जबकि यह प्रकरण बिल्कुल अलग था, फिर भी पुरानी परंपरा जिले के अफसरों ने अपने मन से दोहराई। परिषद मुख्यालय ने पाया कि इन विज्ञापनों से प्रदेश भर में भ्रम की स्थिति बनी साथ ही बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरुपयोग भी हुआ है। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा है।

इसमें पूछा गया है कि आपके जिले में विज्ञापन क्यों प्रकाशित कराया गया, क्यों न इसका दायित्व उन पर ही तय कर दिया जाए। इससे बीएसए पशोपेश में हैं आखिर इसका जवाब क्या भेजे।

नियुक्तियां फंसने के आसार : डीएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को 10 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल करने के लिए 10 से 13 नवंबर तक काउंसिलिंग कराने का निर्देश हुआ था। इसके लिए परिषद मुख्यालय ने अर्ह अभ्यर्थियों की सूची भी सभी जिलों में भेजी थी। बीएसए की जल्दबाजी से यह भर्ती फंसने की उम्मीद बढ़ गई है।

परिषद मुख्यालय शासन के निर्देश पर इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर सकता है और विज्ञापन निकालने वाले बेसिक शिक्षा अधिकारियों से संबंधित धन की रिकवरी का आदेश होने के आसार हैं। परिषद अब बीएसए के जवाब का इंतजार कर रहा है इसके बाद यह प्रकरण शासन को भेजा जाएगा और वहां से निर्देश मिलने पर अगली कार्रवाई होगी।

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