ALLHABAD HIGHCOURT : बेसिक शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव के खिलाफ जांच का आदेश, कोर्ट ने कहा कि सचिव स्तर का अधिकारी यदि आरोपियों को बचाने का प्रयास करेगा तो आम लोगों को शासन पर क्या विश्वास रह जाएगा
विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को पूर्व बेसिक शिक्षा सचिव रहे अजय कुमार सिंह, महाराजगंज के तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी हूजी प्रसाद व लेखाधिकारी सूर्यप्रसाद के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव पर सरकारी धन हड़पने के दोषी अधिकारियों को बचाने का आरोप है। कोर्ट ने कहा है कि लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि दूसरे अधिकारियों को सबक मिल सके। याचिका पर सुनवाई अब चार सितंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने हर्षवर्धन की जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत लखनऊ चिनहट की कैरियर एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी के खाते में 21 दिसंबर, 2009 को 98 लाख से अधिक रुपये जमा किए गए थे। इसकी शिकायत हुई तो जांच के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने जमा रकम वापस करने का आदेश दिया, जिसके बाद 26 मार्च 2010 को 97 लाख वापस हुए, जबकि 73 हजार 175 रुपये की वसूली नहीं की गयी। बेसिक शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को बचाने के लिए मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की।
हालांकि लेखाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी, जबकि रकम बीएसए के हस्ताक्षर से जारी हुई थी। कोर्ट ने कहा कि 98 लाख 60 हजार रुपये तीन माह तक सोसायटी के खाते में रहे। उसका ब्याज नहीं लिया गया। पैसा पंजाब नेशनल बैंक से चिनहट सेंट्रल बैंक में चेक के जरिये जमा किया गया। तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव ने आरोपी बीएसए को क्लीनचिट दे दी।
कोर्ट ने कहा कि सचिव स्तर का अधिकारी यदि आरोपियों को बचाने का प्रयास करेगा तो आम लोगों को शासन पर क्या विश्वास रह जाएगा। कोर्ट ने अब मुख्य सचिव से इस मामले में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है।
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