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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

MEMORANDUM, PROTEST, SHIKSHAMITRA : अमित शाह से मिलने जा रहे शिक्षामित्रों को रोका, सुबह नौ बजे से परिवार के साथ धरने पर बैठे रहे शिक्षामित्र, भाजपा मुख्यालय को जाते समय पुलिस ने रोका, लिया ज्ञापन, अब कैसे चुकाएंगे लोन

MEMORANDUM, PROTEST, SHIKSHAMITRA : अमित शाह से मिलने जा रहे शिक्षामित्रों को रोका, सुबह नौ बजे से परिवार के साथ धरने पर बैठे रहे शिक्षामित्र, भाजपा मुख्यालय को जाते समय पुलिस ने रोका, लिया ज्ञापन, अब कैसे चुकाएंगे लोन

भाजपा मुख्यालय को जाते समय पुलिस ने रोका, लिया ज्ञापन, अब कैसे चुकाएंगे लोन


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जागरण संवाददाता, लखनऊ: शिक्षामित्रों ने रविवार को रेजीडेंसी स्थित शहीद स्मारक पर धरना दिया। साथ में उनके परिवारीजन भी शामिल हुए। करीब तीन बजे अमित शाह को ज्ञापन देने के लिए भाजपा मुख्यालय की ओर जा रहे शिक्षामित्रों को जिला प्रशासन ने रोक लिया। इससे नाराज शिक्षामित्रों की पुलिस कर्मियों से नोकझोंक भी हुई। हालांकि सिटी मजिस्ट्रेट व एसपीटीजी द्वारा समझाने और ज्ञापन लेने के बाद शिक्षामित्र लौट गए। 1समायोजन रद्द होने से शिक्षामित्रों की नाराजगी कम होती नजर नहीं आ रही। शहीद स्मारक पर सुबह नौ बजे से धरने पर बैठे शिक्षामित्रों का नारा सिर्फ एक था, नौकरी दो या फांसी दो। धरना-प्रदर्शन में कुछ महिलाएं अपने बच्चों के साथ, तो कुछ अपने बूढ़े पिता के साथ शामिल हुईं। धरना स्थल पर इस दौरान काफी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रही। दोपहर करीब तीन बजे सैकड़ों शिक्षामित्रों को बीजेपी मुख्यालय की ओर जाते देख जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मच गई। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने शिक्षामित्रों को रास्ते में रोक लिया। बहस के बीच एसीएम विवेक श्रीवास्तव व एसपी ट्रांस गोमती नरेंद्र कुमार ने बीच बचाव कर शिक्षामित्रों को शांत कराया। इस दौरान उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला, उपमहामंत्री रमेश मिश्र, संगठन मंत्री शिवशंकर राजभर, प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील भदौरिया, संगठन मंत्री श्रीराम त्रिवेदी, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एसपी तिवारी समेत कई लोग मौजूद रहे।1समर्थन में आए संगठन1रविवार को शिक्षामित्रों के समर्थन में कई संगठन सामने आ गए। समर्थन देने वालों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन,भारतीय किसान यूनियन, दलित परिषद इंडियन माइनारिटीज फ्रंट समेत कई संगठन शामिल रहे।संवाद सूत्र, माल : सुप्रीमकोर्ट के फैसले से समायोजित शिक्षामित्र गहरे सदमे में हैं। इन समायोजित शिक्षामित्रों ने मोटे वेतन के चलते होम लोन, वाहन लोन तो किसी ने बेटी, बहन की शादी के लिये बैंक से लोन ले रखा था। बड़खोरवा के मनिहारखेड़ा निवासी रामकुमार का समायोजन शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक के पद पर प्रावि तरौना में हुआ था। रामकुमार ने बताया कि घर निर्माण के लिए ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त से साढ़े छह लाख रुपया बीते नवम्बर में कर्ज लिया था। अभी मात्र नौ किस्तें ही जमा कर पाया हूं। अब शेष कर्ज को लेकर घर के सभी लोग परेशान हैं कि अदायगी कैसे होगी। वहीं शिक्षामित्र भगौती प्रसाद की नियुक्ति प्रावि. नरोसा में हुई थी। उन्होंने बताया कि वेतन चालीस हजार था। बैंक से साढ़े पांच लाख रुपये कर्ज लेकर लखनऊ में प्लाट खरीद लिया। कोर्ट के फैसले से लोन की किस्त और गृहस्थी चलाने का संकट खड़ा कर दिया है। कुछ ऐसी ही परेशानी सैमसी प्रावि में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात मंझी के शिक्षामित्र लालता प्रसाद की भी है।अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देते शिक्षा मित्र

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