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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : शिक्षामित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित, सहायक शिक्षकों की एकेडेमिक भर्ती के मामले में कोर्ट 19 मई से सुनवाई करेगा

SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : शिक्षामित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित, सहायक शिक्षकों की एकेडेमिक भर्ती के मामले में कोर्ट 19 मई से सुनवाई करेगा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के समायोजन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने पक्षकारों को दलीलें दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को उत्तर प्रदेश में एक लाख बहत्तर हजार शिक्षामित्रों का प्राथमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन रद कर दिया था, जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा मित्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। आज खास बात यह थी कि शिक्षामित्रों के मामले में सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति आर्दश कुमार गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ में से जस्टिस ललित तीन तलाक के मामलों को सुन रही संविधान पीठ का भी हिस्सा हैं। इसलिए तीन तलाक मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद शाम 4.10 पर शिक्षामित्रों के मामले की सुनवाई के लिए पीठ बैठी।

सुनवाई के दौरान शिक्षा मित्रों के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि सहायक शिक्षकों के मामले में कोर्ट ने नियुक्त हो चुके शिक्षकों को नहीं छेड़े जाने की बात कही है। इस मामले में भी कोर्ट जिनकी नियुक्ति हो चुकी है उन्हें न छेड़े। शिक्षा मित्रों के पास शैक्षणिक योग्यता के अलावा 17 साल पढ़ाने का अनुभव भी है। इस पर पीठ ने कहा कि वह उन्हें नहीं छेड़ रहे हैं। शिक्षा मित्रों के वकील सलमान खुर्शीद ने कोर्ट से यह भी कहा कि अगर जरूरी योग्यता की बात है (जैसे टीईटी) तो कोर्ट उन्हें उसे पूरा करने के लिए कुछ समय दे सकता है। कोर्ट को बताया गया कि हाई कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद करते समय बहुत से पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

यह मामला 172000 शिक्षामित्रों के सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन का है। अभी तक 132000 शिक्षामित्र सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित हो चुके हैं और सुप्रीमकोर्ट से हाई कोर्ट के आदेश पर रोक के चलते काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।

एकेडेमिक भर्ती पर 19 मई को होगी सुनवाई : सहायक शिक्षकों की एकेडेमिक भर्ती के मामले में कोर्ट 19 मई से सुनवाई करेगा। यह मामला 90000 सहायक शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा है।

लखनऊ : शिक्षामित्रों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि वह संविधान के अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल कर शिक्षामित्रों को राहत प्रदान करे।

ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । उत्तर प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्रों का सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लिखित रूप से अपना पक्ष रखने वाले पक्षकार एक हफ्ते के भीतर अपना पक्ष रख सकते हैं। अदालती समय सीमा और परंपरा से हटकर सुप्रीम कोर्ट ने शाम चार बजे के बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू की जो तकरीबन छह बजे तक चली।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने बुधवार को सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया। शिक्षामित्रों की ओर से सलमान खुर्शीद, अमित सिब्बल, नितेश गुप्ता, जयंत भूषण, आरएस सूरी सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने अपनी ओर से दलीलें पेश की।

*शिक्षामित्रों के वकीलों ने ये दी दलील*

शिक्षामित्रों की ओर से पेश अधिकतर वकीलों का कहना था कि शिक्षामित्र वर्षों से काम कर रहे हैं। वे अधर में हैं। लिहाजा मानवीय आधार पर सहायक शिक्षक के तौर पर शिक्षामित्रों का समायोजन जारी रखा जाए।

साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि वह संविधान के अनुच्छेद-142 का इस्तेमाल कर शिक्षामित्रों को राहत प्रदान करे। वरिष्ठ वकील नितेश गुप्ता ने कहा कि सहायक शिक्षक बने करीब 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं जिनकेपास अनिवार्य योग्यता है, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि ये शिक्षामित्र स्नातक बीटीसी और टीईटी पास हैं। ये सभी करीब 10 वर्षों से काम कर रहे हैं। वहीं एक अन्य वकील ने कहा कि यह कहना गलत है कि शिक्षामित्रों को नियमित किया गया है। उन्होंने कहा कि सहायक शिक्षकों केरूप में उनकी नियुक्ति हुई है।

*मानवीय आधार पर दिया जाए फायदा*

वकीलों का कहना था कि राज्य में शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए स्कीम के तहत शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी। उनकी नियुक्ति पिछले दरवाजे से नहीं हुई थी। शिक्षामित्र पढ़ाना जानते हैं। उनके पास अनुभव है। वे वर्षों से पढ़ा रहे है।

उम्र के इस पड़ाव में उनके साथ मानवीय रवैया अपनाया जाना चाहिए। सभी की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

मालूम हो कि 12 सिंतबर 2015 को हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के करीब 1.72 लाख शिक्षामित्रों का सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजन को निरस्त कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट अब शुक्रवार को इस मसले पर सुनवाई करेगा। अदालत देखेगी कि इन सभी को टीईटी का कितना वैटेज मिलना चाहिए।

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  1. 📌 SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : शिक्षामित्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित, सहायक शिक्षकों की एकेडेमिक भर्ती के मामले में कोर्ट 19 मई से सुनवाई करेगा
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/05/shikshamitra-supreme-court-19_18.html

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