logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

LIVE UPDATE, SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : यूपी के शिक्षामित्रो के सहायक शिक्षक में समायोजन का मामला, शिक्षामित्र केस समाप्त फैसला सुरक्षित रख लिया गया है,19 मई को एकेडमिक मेरिट की सुनवाई 2 बजे से होगी, लगातार लाइव अपडेट के लिए इसी पोस्ट पर क्लिक कर जुड़े रहें ।

LIVE UPDATE, SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : यूपी के शिक्षामित्रो के सहायक शिक्षक में समायोजन का मामला, आज फिर कोर्ट नं०-05 आइटम नं०-01 पर शुरू होगी शिक्षामित्र समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट में अपरान्ह 4:10 बजे बहस, अधिवक्ता रखेंगे अपना पक्ष, लगातार लाइव अपडेट के लिए इसी पोस्ट पर क्लिक कर जुड़े रहें ।

🌕 शिक्षा मित्रों के समायोजन पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट रिजर्व किया ।

🔴 7 दिन के अंदर रिटीन सबमिशन दाखिल कर सकते हैं शिक्षा मित्र पक्ष ।

🌕 शिक्षामित्र केस समाप्त फैसला सुरक्षित रख लिया गया है,19 मई को एकेडमिक मेरिट की सुनवाई 2 बजे से होगी।

🔴 न्यायपीठ द्वारा  पुरानी बातें न दोहराने और संक्षिप्त रूप में बहस को बढ़ाने की बात कही गयी।  शिक्षामित्रों की वर्तमान स्थिति पर जानकारी चाही। 

🔵  न्यायपीठ आज शिक्षामित्र समायोजन मामले की सुनवाई पूरी करने के मूड में, सभी पक्षों को मौका देकर सुनने का प्रयास। 

🌑 शिक्षामित्रों के लिए न्यायपीठ से राहत की माँग। टेट पास शिक्षामित्रों के वकील ने योग्यता के आधार पर मांगी राहत। 

🔴 केस की सुनवाई शुरू। शिक्षामित्र समायोजन पर RTE व NCTE रेगुलेशंस पर बहस जारी। 

🌕  निर्णय सुनाए जाने की संभावना के चलते सुरक्षा के तगड़े प्रबंध।  हाई एलर्ट मॉड में सुरक्षाबल/कर्मी। कोर्टरूम में केवल अधिवक्ता ही हैं मौजूद। 

🔴इस समय जयंत भूषण जी 16A पर अपना पक्ष रख रहे हैं जिस पर जज साहब ने स्पष्ट कहा कि जो बात हो चुकी है उसे ना दोहराया जाए। कपिल सिब्बल जी इस समय बाहर आ गए हैं जैसे ही उनकी आवश्यकता पड़ेगी वह तुरंत कोर्ट रूम में पहुंचेंगे।

🌕 गोयल साहब ने पूछा की शिक्षा मित्र की वर्तमान में क्या स्थिति है । नलिन कोहली ने खड़े होकर जबाब दिया वर्तमान में सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षा मित्र ग्रेजुएट हैं और दो साल की बीटीसी किये हुए हैं ।

🔵 Tet पास शिक्षा मित्रों के वकील की बहस पर जज साहब गोयल जी ने कहा कि अगर हम आपकी tet पास sm की दलील मान लें तो बाकी, साथ ही जज साहब ने कहा कि हम नोट कर लिए हैं कि आप ग्रेजुएट हैं tet पास हैं आप बैठ जाइए ।

🌕 शिक्षामित्र से जो टीईटी पास हैं उनकी तरफ से निधेश गुप्ता बहस कर रहे हैं ।

🔴 आर0टी0एक्ट0 के प्रावधानों के तहत sm को राहत की बात कर रहे वकील जज नो नो ।

🔵 कोर्ट में आज अंदर और बाहर कर्फ्यू जैसे हालात । किसी को मेन गेट से ही एंट्री से रोका जा रहा है, पूरे कोर्ट परिसर में रैपीड एक्शन फ़ोर्स के जवान लगाये गए हैं । सूत्र किसी ने कोर्ट को चिट्ठी लिखकर धमकी दी है ।

🔴 बेंच बैठ गई  है शिक्षा मित्र केस की सुनवाई शुरू हो गई है। शिक्षा मित्र और अकेडमिक पक्ष के सभी वकील कोर्ट में appear हैं।

🌑  टॉप मोस्ट सीनियर अधिवक्ता राम जेठमलानी जी कोर्ट पहुँच चुके हैं।

📌 शिक्षामित्र समायोजन मामले की बेहद
महत्वपूर्ण सुनवाई आज

✍  कोर्ट न०5 में माननीय न्यायमूर्ति आदर्श गोयल व यू० यू० ललित जी के स्पेशल बेंच में 4 बजकर 10 मिनट से सुनवाई होगी। 9 मई के सुनवाई के ऑर्डर के अनुसार सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है। आज 1 घंटे की सुनवाई के बाद निर्णय आने की प्रबल संभावना।

🔴 SUPREME COURT : यूपी के शिक्षामित्रो के सहायक शिक्षक में समायोजन का मामला

📌 SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : आज होगी शिक्षामित्र प्रकरण की सुनवाई, पिछले करीब एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही थी, क्लिक कर पढ़े ।

SHIKSHAMITRA : शिक्षा विभाग के अफसरों की भी फूल रही है सांस, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पौने दो लाख शिक्षामित्रों के मामले में क्या फैसला आने जा रहा, क्लिक कर पढ़े ।

📌 LIVE UPDATE, SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : आज फिर कोर्ट नं०-12 आइटम नं०-28 पर शुरू होगी शिक्षामित्र समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट में बहस, विपक्षी अधिवक्ता रखेंगे अपना पक्ष, लगातार लाइव अपडेट के लिए इसी पोस्ट पर क्लिक कर जुड़े रहें, क्लिक कर पढ़े ।

📌 SUPREME COURT, SHIKSHAMITRA : शिक्षामित्रों को अनुभव का वेटेज़ मिले, कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि वे शिक्षक नहीं तो क्या हैं आप उनका वर्क प्रोफाइल बताएं, उनका वर्क प्रोफाइल यही है कि वे पढ़ा रहे हैं, यह अनुभव टीईटी और बीएड से कहीं ज्यादा है, जो सिर्फ दो वर्ष के कोर्स हैं, क्लिक कर पढ़े ।

फैसले की घड़ी नजदीक, 1.75 लाख शिक्षामित्रों की बहाली वैध या अवैध, SC आज लेगा निर्णय ।

नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश में पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अंतिम फैसला करेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को अवैध ठहरा दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश को स्टे कर दिया था। आज जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व जस्टिस यूयू ललित की पीठ शाम को इस मामले की सुनवाई करेगी।

पिछली सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता शांतिभूषण और राम जेठमलानी ने शिक्षामित्रों की ओर से बहस की। उन्होंने कहा कि सरकार को 18 वर्ष से काम कर रहे शिक्षामित्रों को एक पूल की तरह से देखने का अधिकार है। यह पूल एक भर्ती स्रोत है जिसे सहायक शिक्षकों को भर्ती करने के लिए इस्तेमाल करने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से योग्य और शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण है। हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराकर कर गलत किया है।

गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट ने पिछले मंगलवार को शिक्षामित्रों की नियुक्ति पर सवाल उठाया था और टिप्पणी की थी कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति संविधानिक सिद्धांतों के अनुसार नहीं की गई है।

🔵🔵👇🔵🔵👇🔵🔵👇🔴🔴👇🌑🌑

```समस्त पैरविकारों के ध्यानार्थ:```
*अगर आज आप की ब्रीफिंग में ये बिंदु शामिल नही हैं तो ब्रीफिंग अधूरीहै... कृपया इन्हें ज़रूर शामिल करें।

*_जय हो विजय हो..... (रबी बहार,केसी सोनकरके साथ रोहित शुक्ल, मुहम्मदफैसल, मोहित त्यागी, मुहम्मद इरशाद, अरविंद, व विक्की गंगवार, और साथी)_°*12A संशोधन एनसीटीई द्वारा क्यों लाया गया, इस पर एक नजर**______________________________*•The Standing Committee on Human Resource Development(Chairperson: Shri Oscar Fernandes) tabled its 224th Report on ‘The National Council for Teacher Education (Amendment) Bill, 2010’ on July 30, 2010. The Bill was introduced in the Rajya Sabha on April 16, 2010.•मानव संसाधन विकास मंत्रालय से सम्बन्धित स्थायी समिति (अध्यक्ष*श्री ऑस्कर फर्नांडिस*) ने 30 जुलाई, 2010 को *'शिक्षक शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2010'* के बारे में *224 वीं* रिपोर्ट पेश की। यह विधेयक 16 अप्रैल 2010 को राज्यसभा में पेश किया गया था।•The Bill seeks to set standards of teacher qualification in allcategories of schools. However, the term “school” has not been defined in the Bill. The Committee recommended that school be defined in the law.•यह विधेयक सभी वर्गों के स्कूलों में शिक्षक योग्यता के मानकों को निर्धारित करने का प्रयास करता है। हालांकि, "स्कूल" शब्द को बिल में परिभाषित नहीं किया गया है समिति ने सिफारिश की कि स्कूल को कानून मेंपरिभाषित किया जाए।•The Bill does not require existing teachers to have the minimum qualifications to be laid down by the Council. The Committee suggested that an effective mechanism needed to be evolved to provide adequate training to the teachers who need it so that quality is not compromised.•विधेयक में *मौजूदा शिक्षकों* को परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता रखने की आवश्यकता नहीं है। समिति ने सुझाव दिया कि शिक्षकों को पर्याप्त प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए, जिनको आवश्यकता है ताकि गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जा सके।•The Committee strongly felt that the Act should clarify that minimum qualification for teachers in teacher education institutions shall be specifically provided in the Act.•समिति ने प्रभावी ढंग से महसूस किया कि इस अधिनियम को स्पष्ट करना चाहिए कि शिक्षक शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता विशेष रूप से इस अधिनियम में दी जाएगी।•Since education is in the Concurrent List, the Committee observed that any policy change should be corroborated andsubstantiated by the state government. Therefore, there wasneed to convene a meeting of Education Secretaries in all states and UTs to evaluate the problems.

•चूंकि *शिक्षा समवर्ती सूची* में है, समिति ने देखा कि किसी भी नीति में परिवर्तन को पुष्टि करनी चाहिए और राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए। इसलिए, समस्याओं का मूल्यांकन करने के लिए सभी*राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षा सचिवों* की एक बैठक आयोजित करने की आवश्यकता थी।•The Committee recommended that while framing regulations for prescribing minimum qualification of teachers, NCTE should undertake a consultation process with the state governments so that uniform rules could be made with some flexibility for state-specific ground realities.•समिति ने सिफारिश की कि शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता निर्धारित करनेके लिए एनसीटीई को *राज्य सरकारों के साथ परामर्श प्रक्रिया* शुरू करनी चाहिए ताकि *समरूप नियम राज्य विशेष धरातलीय वास्तविकताओं के लिए कुछ लचीलेपन* के साथ बनाया जा सके।•The Committee is of the view that more teacher education institutions need to be opened in areas which have acute shortage of teachers. Also, a mechanism to assess and accredit teacher education institutions is necessary to ensure that quality education is imparted.•समिति का मानना ​​है कि अध्यापकों की भारी कमी वाले क्षेत्रों में अधिक शिक्षक शिक्षा संस्थानों को खोला जाना चाहिए। साथ ही, शिक्षक शिक्षा संस्थानों का आकलन और मान्यता प्राप्त करने के लिए एक ऐसा तंत्र है जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है।•The Committee noted that steps need to be taken for strengthening all categories of teacher training institutions so that component of pre-service and in-service training becomes an essential part of service of school teachers.•समिति ने नोट किया कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की सभी श्रेणियों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि पूर्व-सेवा के घटक और सेवारत प्रशिक्षण स्कूल के शिक्षकों की सेवा का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाए।•The Committee recommended that the Bill be passed after incorporating the recommendations.•समिति ने सिफारिश की कि *सिफारिशों* को शामिल करने के बाद *विधेयक पारित* किया जाए।*बिल के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर नजर*•5.7 The Committee takes note of the detailed response received from the *State Government of West Bengal on thiscrucial issue.* It has been pointed out by the State Government that upon the *73rd Constitutional amendment*coming into force w.e.f.24th April, 1993, education, includingprimary and secondary schools became a field on which legislature of a State could only legislate as far as Panchayatareas were concerned. In addition, exclusive legislative field of the State in this regard was also guided by Schedule VII, List III (Concurrent List), Entry 25 in so far as non-panchayat areas were concerned. Attention of the Committee was also drawn to the recruitment rules framed by the State Government for school teachers. Citing Supreme Court judgement, it was also contented by the State Government that NCTE Act was embarking in an area which was beyond its source of legislation and also in conflict with the legislation made under the State List. Strong opposition to the proposed amendment of the NCTE Act was, accordingly, expressed by the State Government of West Bengal. *The Committee apprehends that chances are there that similar stand could be taken by many of the State Governments.*6.6 The enacting formula and the title are adopted with consequential *The Committee recommends that the Bill be passed after incorporating the amendments / suggestions offered by it.*•स्टैण्डिंग कमेटी की रिपोर्ट ३० जुलाई २०१० को आयी जो बिल राज्य सभा में १ अप्रैल को प्रस्तुत हुआ था, कमेटी ने *७३ वें संविधान संशोधन* होने बाद बेसिक शिक्षा में हुऐ बदलाव और उनसे पैदा हुई विसंगतियों*(खासकर पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा रखी गई समास्या)* को दूर करने के लिये कमेटी ने सिफारिश की थी, कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ बैठक करके समास्याओं को दूर किया जाये......जिस पर मंत्रालय ने ६ जून २०११ को बैठक आयोजित की और समास्याओं को कैसे दूर किया जाये एजेंडे में तय किया......उसके बाद १३ अक्तूबर २०११ को १२–अ की अधिसूचना जारी हुई...!!

•६ जून २०११ की बैठक में तय किया गया मसौदा......*III– TRAINING OF UNTRAINED TEACHERS*The RTE Act provides a five-year window for all existing ‘untrained’ teachers to acquire the NCTE qualifications.However, according to the NCTE Notification dated 23rd August, 2010, persons who were appointed as teachers on or before 3rd September, 2001 need not acquire those qualifications.At present there are 6.70 lakh ‘untrained’ teachers in classes I – VIII (recruited after 2001), of which the highest numbers are in the States of Bihar (1,65,510),*Uttar Pradesh (1,24,694),* West Bengal (58,091), Madhya Pradesh (50,207), Andhra Pradesh (35,975) and Orissa (33,090). *While all these State Governments are preparing strategies for enabling the untrained teachers* to acquire the NCTE qualification in a *definite time frame,* the States have been advised to develop the following strategies for addressing this issue.उपरोक्त समस्त बिंदुओं को पढ़ने के बाद 12A का संशोधन क्यूं किया गया यह साफ समझ में आता है, *एम.एच.आर.डी./एन.सी.टी.ई.* ने *राज्य सरकारों/राज्य शिक्षा सचिवों* के साथ बैठक में क्या एजेंडे रखे और क्या निर्णय लिया ??? *_सीधे कोर्ट में रखने/रखवाने का प्रयास_करें।*★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नही।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी।









शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित है!

"When all else is lost, the future still remains." - Christian Nestell
"जब सब कुछ खत्म हो जाता है, भविष्य तब भी बचा रहता है।"

हाई कोर्ट के फैसले के बाद हमने अपनी लड़ाई इसी सिद्धांत पर लड़ने की ठानी। और आज हम आश्वस्त हैं।
ये लड़ाई अब आम शिक्षामित्र की है। जिसने अपनी गलतियों से सीखा और खुद को जीत के क़ाबिल बनाया है। आइये बताते हैं कैसे?:-

शिक्षमित्रों की ओर से दाखिल हलफनामे का बिंदु था:-
Whether the Government Order dated 26 May 1999 can be regarded
as a valid exercise of power under Article 162 of the Constitution, where
the Service Rules of 1981 were silent in regard to the appointment of
untrained teachers;
अर्थात- यद्दपि 1981 के सेवा नियम अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध मे खामोश थे। ऐसे में
दिनांक 26 मई 1999 के आदेश को संविधान के अनुच्छेद 162 की शक्ति का मान्य प्रयोग माना जा सकता है।

शिक्षामित्रों के पैरवीकारों की और से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 162 के परन्तुक द्वारा मानी जाए।
आइये पहले अनुच्छेद 162 को समझते हैं।।

सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 162 की व्याख्या करते हुए यह धारित किया है कि अनुच्छेद 162 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग केवल उन स्थानों पर हो सकता है जहां संसद अथवा विधानसभा द्वारा पारित कोई कानून उपलब्ध न हो। जहां कोई कानून उपलब्ध हो वहां उस कानून के विपरीत कोई भी परिपत्र अनुच्छेद 162 के अंतर्गत जारी नहीं किया जा सकता।
अब जबकि हम सब जानते हैं कि शिक्षामित्र योजना 1999 में राज्यपाल की अनुच्छेद 309 की शक्तियों का प्रयोग कर लागू की गई तो ये अनुच्छेद 162 के तहत कैसे आ गई।

बीएड/बीटीसी बेरोज़गारों के वकील ने शिक्षामित्रों के हलफनामे की इसी कमी को पकड़ा और उमादेवी केस को सामने ला के रख दिया।
बस इतना करना था कि शिक्षामित्रों का पूरा का पूरा केस धराशायी हो गया।
अभी भी बीएड/बीटीसी बेरोज़गार अपनी पोस्ट्स में हमें उमादेवी केस समझाते रहते हैं।
उनकी इस ग़लतफ़हमी को होने वाली सुनवाई में मिशन सुप्रीम कोर्ट समूह के रबी बहार, केसी सोनकर, और साथी* वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कॉलिन गोंजाल्विस माध्यम से दूर कर देंगे।
अनुच्छेद 162 के स्थान पर 309 पुनर्स्थापित होगा। शिक्षामित्र शिक्षक हैं और शिक्षक ही रहेंगे।
बीएड/बीटीसी बेरोज़गारो के दिवा स्वप्न कभी पुरे नहीं होंगे।
यहाँ हम आप सब साथियों को पुनः आश्वस्त करते हैं कि हमने हाइकोर्ट में हुई अपनी सभी कमियों को चिन्हित कर लिया है और उनका इलाज भी खोज रखा है। अब हम हाई कोर्ट के उन शिक्षामित्रों के अन्य पैरवीकारों की गलतियों को नहीं दोहराने वाले जो उन्होंने कीं। और जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।


Post a Comment

1 Comments

  1. 📌 LIVE UPDATE, SHIKSHAMITRA, SUPREME COURT : यूपी के शिक्षामित्रो के सहायक शिक्षक में समायोजन का मामला, आज फिर कोर्ट नं०-05 आइटम नं०-01 पर शुरू होगी शिक्षामित्र समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट में अपरान्ह 4:10 बजे बहस, अधिवक्ता रखेंगे अपना पक्ष, लगातार लाइव अपडेट के लिए इसी पोस्ट पर क्लिक कर जुड़े रहें ।
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/05/live-update-shikshamitra-supreme-court_17.html

    ReplyDelete