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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

BOOKS, EXAMINATION : बिना किताबों के हो गईं अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें कराई जाती हैं उपलब्ध

BOOKS, EXAMINATION : बिना किताबों के हो गईं अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें कराई जाती हैं उपलब्ध

मेरठ । सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार का सरकारी दावा पूरी तरह खोखला साबित हो रहा है। इस बार सरकारी स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा बगैर किताबों के ही हो गईं। जनपद के तमाम स्कूलों में अभी तक सभी बच्चों के बस्तों में किताबें नहीं हैं। बगैर किताब के परीक्षा होना विभाग की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।

बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। पिछले साल तक शिक्षा सत्र जुलाई में शुरू होता था और अगस्त-सितंबर के बीच सभी बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाती थीं। इस बार शिक्षा सत्र अप्रैल में शुरू हुआ तो उम्मीद की जा रही थी कि जुलाई शुरू होते ही सभी बच्चों को किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। लेकिन सत्र को बीते सात माह हो चुके हैं, लेकिन जनपद में अभी भी 15 प्रतिशत बच्चों के पास किताबें नहीं है।

कहीं गणित तो कहीं हिंदी की किताबें नहीं

ऐसा नहीं कि किसी एक विषय की किताबें कम आयी हों। स्थिति ये है कि किसी स्कूल के बच्चों को अभी तक हिंदी की किताबें नहीं मिली हैं, तो कहीं पर गणित या साइंस की। सभी विषयों की किताबें जनपद में कम आई हैं।

हो गईं अर्द्धवार्षिक परीक्षा

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अक्तूबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षा का कार्यक्रम शासन से तय हुआ था, जिसके अनुसार परीक्षाएं संपन्न हो गई। अब सवाल यह उठता है कि जब बच्चों को किताबें ही नहीं मिली तो उन्होंने पढ़ा क्या होगा और परीक्षा कैसे दी होगी।

प्रश्न पत्र भी आया बाहर से

शिक्षकों की मानें तो इस बार परीक्षा के प्रश्न पत्र उन्होंने स्वयं तैयार नहीं किये। बल्कि जनपद स्तर पर ही बाहर से प्रश्न पत्र तैयार होकर आये थे। यह प्रश्न पत्र पूरी तरह कोर्स को ध्यान में रखकर बनाये गये थे, लेकिन बगैर किताबों के बच्चों को कैसे बताते कि उनका अर्द्धवार्षिक परीक्षा का कोर्स कहां तक है।

परीक्षा के दौरान पहुंचीं किताबें

हास्यास्पद बात ये है कि परीक्षा से पहले तो 30 प्रतिशत बच्चों के पास किताबें नहीं थी। इनमें 15 प्रतिशत बच्चों को किताबें परीक्षा के दौरान वितरित की गईं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से ब्लाक मुख्यालयों पर एक सप्ताह पहले ही जब परीक्षाएं अंतिम चरण में थी, तब किताबें वितरण के लिए उपलब्ध कराई गईं। अभी भी 15 प्रतिशत बच्चों के पास किताबें नहीं हैं।

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  1. 📌 BOOKS, EXAMINATION : बिना किताबों के हो गईं अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क पुस्तकें कराई जाती हैं उपलब्ध
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/11/books-examination.html

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