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स्कूली बच्चों को मिलेंगे ताजे और मौसमी फल : प्रदेश में मध्यान्ह भोजन योजना के दायरे में शामिल स्कूली छात्र-छात्राओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया

स्कूली बच्चों को मिलेंगे ताजे और मौसमी फल : प्रदेश में मध्यान्ह भोजन योजना के दायरे में शामिल स्कूली छात्र-छात्राओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया


लखनऊ (डीएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मिड डे मील के तहत साप्ताहिक मेन्यू में स्कूली बच्चों को अतिरिक्त पोषक तत्व उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हफ्ते में एक दिन ताजा और मौसमी फल देने के निर्देश दिए हैं। मौसमी फल बांटने की यह शुरुआत गर्मी की छुट्ठियों के बाद से होगी। जुलाई महीने के प्रथम सोमवार से यह योजना शुरू होगी। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने दी है।

प्रदेश में मध्यान्ह भोजन योजना के दायरे में शामिल स्कूली छात्र-छात्राओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है। इसके तहत स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध ताजे और मौसमी फल जैसे अमरूद, केला, सेब, संतरा, नाशपाती, चीकू, आडू, शरीफा आदि वितरित किए जाने की योजना है। योजना के तहत प्रति छात्र एक फल वितरित किया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा कि फल वितरित किए जाने का दिवस सोमवार इसलिए निर्धारित किया गया है ताकि रविवार के साप्ताहिक अवकाश के बाद विद्यार्थियों में सोमवार को स्कूल में फल प्राप्त होने का आकर्षण बना रहे। इसके अलावा रविवार को अवकाश होने के कारण फलों की व्यवस्था सुचारु ढंग से की जा सकेगी।

अगर सोमवार को अवकाश होगा तो ऐसी दशा में अगले दिन फल वितरित किया जाएगा।स्कूल आते ही छात्र-छात्राओं को मार्निंग स्नेक्स के तौर पर फल दिया जाएगा। इससे उन्हें पठन पाठन के पहले वांछित मात्रा में कैलोरी प्राप्त हो सकेगी तथा फल और दोपहर का भोजन खाने के बीच पर्याप्त अंतराल भी रहेगा। कटे फल जैसे पपीता, तरबूज, खरबूजा इत्यादि नहीं वितरित किए जाएंगे ताकि फलों में किसी भी प्रकार के संक्रमण की आशंका न रहे। किसी भी दशा में बासी, सड़े गले व खराब फल वितरित नहीं किए जाएंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि वितरित किए जाने वाले फल का वजन एवं आकार औसत होगा। यदि फल औसत आकार से छोटा है तो उस फल की संख्या बढ़ा दी जाएगी। छात्र-छात्राओं को फल अच्छी तरह धोकर वितरित किए जाएंगे। फल वितरण के समय विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। योजना शुरू होने के अवसर पर फलाहार वितरण दिवस आयोजित किया जाएगा। जनपद के जिलाधिकारी के नेतृत्व में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी समेत सभी उप जिलाधिकारी तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी एवं जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, विद्यालय में स्वयं उपस्थित होकर फल वितरण दिवस में भाग लेंगे। योजना के शुभारंभ के अवसर पर जनप्रतिनिधियों जैसे सांसद, विधायक, जिला पंचायत-क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, नगर निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों का भी आवश्यक सहयोग लिया जाएगा। फल वितरण योजना को लागू करने के संबंध में शासन द्वारा जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।





‘‘मॉर्निग स्नैक’ के तौर पर विद्यार्थियों को मिलेंगे मौसमी फल : मुख्यमंत्री ने मध्याह्न भोजन योजना में फलों को शामिल कराया


🌑 कटे फलों पपीता, तरबूज, खरबूजा नहीं होंगे वितरित


🌔 ताजा और मौसमी फलों को प्राथमिकता वर्ष 2016-17 में ग्रीष्मावकाश के बाद पहले सोमवार से योजना प्रारम्भ की जाएगी ।


लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मध्याह्न भोजन योजना के साप्ताहिक मेन्यू में स्कूली बच्चों को अतिरिक्त पोषक तत्व उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सप्ताह में एक दिन ताजा और मौसमी फल वितरित कराने के निर्देश दिए हैं। यह योजना वर्ष 2016-17 में गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुलने पर प्रथम सोमवार से प्रारम्भ की जाएगी। फल वितरण योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में शासन द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में मध्याह्न भोजन योजना के दायरे में शामिल विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के बेहतर स्वास्य के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है। इसके तहत स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध ताजे और मौसमी फलों अमरूद, केला, सेब, संतरा, नाशपाती, चीकू, आड़ू, शरीफा आदि बांटे जाएंगे। योजना के तहत प्रति विद्यार्थी को एक फल वितरित होगा। फल वितरित किए जाने का दिवस सोमवार इसलिए निर्धारित किया गया है , ताकि रविवार के साप्ताहिक अवकाश के बाद विद्यार्थियों में सोमवार को स्कूल में फल प्राप्त होने का आकर्षण बना रहे। इसके अलावा रविवार को अवकाश होने के कारण फलों की व्यवस्था सुचारु ढंग से सुनिश्चित की जा सकेगी। सोमवार को अवकाश होने की दशा में अगले शिक्षण दिवस में फल वितरित किया जाएगा।स्कूल आते ही छात्र-छात्राओं को ‘‘मॉनिर्ंग स्नैक’ के तौर पर फल दिया जाएगा। इससे उन्हें पठन-पाठन के पहले वांछित मात्रा में कैलोरी प्राप्त हो सकेगी तथा फल और दोपहर का भोजन खाने के बीच पर्याप्त गैप भी रहेगा। कटे फलों पपीता, तरबूज, खरबूजा को नहीं बांटा जा सकेगा, ताकि कटे फलों में किसी भी प्रकार के संक्रमण की आशंका न रहे। किसी भी दशा में सड़े-गले व खराब फल वितरित नहीं किए जाएंगे। छात्रों को मिलने वाले फल का वजन एवं आकार औसत होगा। फल वितरण के समय विद्यालय प्रबन्ध समिति (एसएमसी) के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। योजना प्रारम्भ होने के अवसर पर फलाहार वितरण दिवस आयोजित किया जाएगा। हर जिले में डीएम के नेतृत्व में सीडीओ, एडीएम, सीएमओ, सभी एसडीएम, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी विद्यालयों में फल वितरण दिवस में भाग लेंगे। जनप्रतिनिधियों में सांसद, विधायक, जिला पंचायत/क्षेत्र पंचायत/ग्राम पंचायत/नगर निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा।

 √√ यहां क्लिक कर जारी शासनादेश देखें । 


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  1. 📌 स्कूली बच्चों को मिलेंगे ताजे और मौसमी फल : प्रदेश में मध्यान्ह भोजन योजना के दायरे में शामिल स्कूली छात्र-छात्राओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/05/blog-post_97.html

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