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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

अब शिक्षक बनेंगे स्कूलों के चेंजमेकर : बेसिक शिक्षा विभाग और स्टर संस्था (स्टूडेंट एंड टीचर्स फार इनोवेटिंग रिजल्ट) के साथ मिलकर प्रदेश में सर्वे किया तो पाया कि स्कूलों में शिक्षकों को अपने स्तर से समस्याओं को सुलझाने का पर्याप्त अवसर दिया जाए

अब शिक्षक बनेंगे स्कूलों के चेंजमेकर : बेसिक शिक्षा विभाग और स्टर संस्था (स्टूडेंट एंड टीचर्स फार इनोवेटिंग रिजल्ट) के साथ मिलकर प्रदेश में सर्वे किया तो पाया कि स्कूलों में शिक्षकों को अपने स्तर से समस्याओं को सुलझाने का पर्याप्त अवसर दिया जाए

परिषदीय स्कूलों की दशा सुधारने के लिए अब ‘सूक्ष्म नवाचार’ का सहारा लिया जा रहा है। इससे शिक्षकों के नवीन विचार सामने आ सकेेंगे और बच्चों की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अच्छे व सफल विचारों से अन्य शिक्षकों को भी प्ररेणा मिलेगी और वे भी इसे अपने स्कूलों मेें लागू कर सकेंगे।

बेसिक शिक्षा विभाग और स्टर संस्था (स्टूडेंट एंड टीचर्स फार इनोवेटिंग रिजल्ट) के� साथ मिलकर प्रदेश में सर्वे किया तो पाया कि स्कूलों में शिक्षकों को अपने स्तर से समस्याओं को सुलझाने का पर्याप्त अवसर दिया जाए तो परिणाम सकारात्मक प्राप्त होते हैं। समस्या हमारी और समाधान भी हमारा की तर्ज पर ‘सूक्ष्म नवाचार’ परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अपनाया जा रहा है। इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर स्कूलों का चयन करके उनके एक-एक शिक्षक को सूक्ष्म नवाचार के लिए प्रशिक्षित किया गया। शिक्षकों ने विभिन्न विषयों पर अपने नवीन विचारों और फार्मूलों का प्रयोग करते हुए प्रोजेक्ट बनाकर ब्लाकों में जमा किए। ये शिक्षक अपने स्कूलों में इन्हीं फार्मूलों पर अमल भी करेंगे। समय-समय पर विभागीय अधिकारी निरीक्षण में भी इसके प्रभावों का आंकलन करेंगे।

�बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ‘सूक्ष्म नवाचार’ से बच्चों की पढ़ाई पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। पठन-पाठन में आने वाली कठिनाइयों का हल शिक्षक अपने स्तर से खोजेंगे। बच्चों के नामांकन, ठहराव, शैक्षिक गुणवत्ता, एमडीएम, साफ-सफाई, समाज का सहयोग, गणित, विज्ञान, भाषा आदि विषयों के शिक्षण में आ रही दिक्कतों को शिक्षक स्वयं चिन्हित करेंगे और उनका हल भी स्वयं ही निकालेंगे। इसमें शिक्षकों पर कोई बाहरी दबाव नहीं डाला जाएगा। ‘सूक्ष्म नवाचार’ के माध्यम से स्कूलों में बदलाव लाने वाले शिक्षकों को चेंजमेकर की संज्ञा दी जाएगी। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि इस नए प्रयोग के परिणाम भविष्य में बड़े कारगर साबित हो सकते हैं।

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