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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

एसएमएस (SMS) से देनी ही होगी हाजिरी रिपोर्ट : फरमान जारी, एक जनवरी यानि नये साल से लागू होगी व्यवस्था, दावे हुए बड़े-बड़े, पहले वाले रहे फिसड्डी

एसएमएस (SMS) से देनी ही होगी हाजिरी रिपोर्ट : फरमान जारी, एक जनवरी यानि नये साल से लागू होगी व्यवस्था, दावे हुए बड़े-बड़े, पहले वाले रहे फिसड्डी

√फरमान जारी, एक जनवरी यानि नये साल से लागू होगी व्यवस्था

√बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों संग की बैठक

कानपुर : प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति के लिए शिक्षकों को एसएमएस करना होगा। शासन की इस व्यवस्था के लागू होने से पहले ही ये मुद्दा गर्मा गया। वैसे तो व्यवस्था को सोमवार से शुरु होनी थी, लेकिन शुरू होने से पहले ही शिक्षक संगठनों ने इसे अव्यावहारिक व जटिल बताते हुए विरोध कर दिया। मंगलवार को विरोध की खबर छपने के बाद बीएसए ने गोविंद नगर स्थित कार्यालय में 13 खंड शिक्षाधिकारियों की बैठक बुला ली। बैठक में इस व्यवस्था पर बात करते हुए एक जनवरी यानि नये साल से इसे पूरी तरह से लागू करने का फरमान जारी कर दिया। बीएसए ने ये भी कहा कि अगर किसी शिक्षक ने एसएमएस न किया तो खंड शिक्षाधिकारी भी नपेंगे। इसकी मानीटरिंग के लिए नोडल अफसरों की भी नियुक्ति होगी। जो 15-15 दिन में अपनी रिपोर्ट बीएसए को देंगे। यही नहीं शिक्षामित्रों के अवशेष एरियर को तैयार करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया। इसके अलावा विद्यालयों की ग्रेडिंग के साथ ही एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) की भी ग्रेडिंग की जाएगी। वहीं विभाग के चर्चित मामलों में शामिल पदोन्नति को लेकर भी नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चार-चार खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम गठित की गई। टीमों को अगले 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। 15 जनवरी तक ब्लाक व 25 जनवरी तक जनपद स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की बात कही गी।

कम दूध वितरण पर लगाई फटकार

बैठक में जैसे ही दिसंबर माह में दूध वितरण की रिपोर्ट सामने आई तो नगर क्षेत्र में काफी कम वितरण पर संबंधितों को कड़ी फटकार लगाई। फिर कहा कि जो एनजीओ दोषी हैं, उन्हें चिह्नित कर काली सूची में डालें। अगर अब किसी दिन दूध वितरण कम हुआ तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से कारण पूछा जाएगा।

दावे हुए बड़े-बड़े, पहले वाले रहे फिसड्डी

प्राथमिक विद्यालयों में सुधार के लिए अफसरों की फिर बड़ी बैठक हुई। तमाम बड़े-बड़े दावों की दोबारा हामी भरी गई पर ऐसे ही जो दावे अफसरों ने पहले किए, थे वह तो फिसड्डी साबित हुए हैं, इसे नहीं परखा गया।

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