logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को राहत देते हुए मामले पर आगे सुनवाई के लिए 24, 25 और 26 फरवरी की तिथि तय कर दी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह मानवीय समस्या है, यथास्थिति बहाल करे सरकार : सरकार को और शिक्षामित्र भर्ती न करने का दिया आदेश 

शिक्षामित्र मामले में SC ने स्टे दिया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह मानवीय समस्या है, यथास्थिति बहाल करे सरकार : सरकार को और शिक्षामित्र भर्ती न करने का दिया आदेश 


सुनवाई का संक्षिप्त रूप

•72,825पोस्ट के सापेक्ष 58,135पद भर चुके है।

•2नवम्बर के आदेशानुसार हुए लगभग 75,000 प्रत्यावेदन में 12,091अभ्यर्थियों को नियुक्ति का आदेश।

•वर्तमान प्रक्रिया में शेष लगभग 3,000पदों के सापेक्ष सभी रेस्पोंडेंट/पिटिसनर आदि को भी नियुक्ति का आदेश।

•12सितम्बर के हाइकोर्ट के आदेश पर अगली सुनवाई तक स्टे।

•अगली सुनवाई 24फरबरी 2016 व् सुनवाई पूरी न होने पर 25 व 26 फ़रवरी को भी होगी सुनवाई।

•भर्ती 12वें संशोधन टेट मेरिट तथा न्यूनतम 70%(105) से 60%(90) तक ही रहेगी कट ऑफ।


- सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह मानवीय समस्या, यथास्थिति बहाल करे सरकार 
- सरकार को और शिक्षामित्र भर्ती न करने का आदेश 
- 1100 और लोगों को चार हफ्ते में एडहॉक रूप से भर्ती करने का आदेश 
- सुनवाई 24 फरवरी को होगी

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को भारी राहत देते हुए उनकी नियुक्तियों को अवैध ठहराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि सभी 1.72 लाख शिक्षामित्रों को सेवा में रख यथास्थिति बहाल की जाए।

कोर्ट ने कहा कि इस आदेश से शिक्षामित्रों का इन पदों पर कोई अधिकार सृजित नहीं होगा और उनके भाग्य का फैसला अपीलों के अंतिम निपटारे पर निर्भर करेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह प्रदेश में इनके अलावा और शिक्षामित्रों की नियुक्तियां नहीं करेगी।

जस्टिस दीपक मिश्रा और यूयू ललित की विशेष पीठ ने यह आदेश देने से पहले कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों का सेवा से हटाना मानवीय समस्या है और इसके परिणाम बहुत ही गंभीर हो सकते हैं। कोर्ट ने यह आदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर उत्तर प्रदेश सरकार, शिक्षामित्रों तथा बेसिक शिक्षा बोर्ड की अपीलों पर सोमवार को दिया।

सरकार की ओर से कोर्ट में मौजूद एडवोकेट जनरल विजय बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार यह काम एक हफ्ते में कर देगी। उन्होंने कहा कि वह शिक्षामित्रों को रखने को तत्पर है क्योंकि सभी प्रशिक्षित हैं और 10 से लेकर 15 वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इनमें से एक लाख लोगा स्नातक हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने से प्रदेश में बेसिक स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप होने का खतरा है।

प्रदेश सरकार और शिक्षामित्रों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल, पी चिदंबरम और दुष्यंत दवे ने बहस की। उन्होंने कहा कि बेहतर तरीका यही है कि हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाकर यथास्थिति बनाई जाए और मामले पर अंतिम सुनवाई शुरू की जाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट खचाखच भरा हुआ था।

टीईटी मुद्दा

पीठ ने इसके साथ ही यूपी सरकार को आदेश दिया वह कोर्ट में आए टीईटी पास 1100 याचिकाकर्ताओं को भी एडहाक रूप से शिक्षण कार्य में रखे। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी। 
सरकार को कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि वह टीईटी कोटे से हो रही भर्तियों का पूरा ब्योरा एक हफ्ते में वेबसाइट पर डाले। सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि कुल 72, 825 रिक्तियों में से अब तक 58,135 टीईटी पास को सहायक शिक्षकों के रूप में रखा जा चुका है। सरकार के पास 1200 आवेदन और हैं जिन्हें देने वालों को योग्य पाया गया है, उन्हें जल्द ही भर्ती कर लिया जाएगा।

मामला

शिक्षामित्रों का मामला कोर्ट में उस वक्त उठा था जब टीईटी पास को ही शिक्षक के लिए योग्यता मानने से इनकार करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। राज्य सरकार ने 72,825 नियुक्तियों के लिए निकाले विज्ञापन में कहा था कि  टीईटी के साथ उम्मीदवारों का शैक्षणिक रिकार्ड भी देखा जाएगा। इस फैसले को टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस दौरान यह मामला उठा कि सरकार ने बिना टीईटी पास लोगों को शिक्षामित्रों के रूप में शिक्षण कार्य के लिए रखा हुआ है जो कि अवैध है। इनकी संख्या 1.72 लाख है। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा। उच्च अदालत ने नियमों को देखकर उन्हें अयोग्य पाया और उनकी नियुक्तियां12 सितंबर को रद्द कर दीं। इस फैसले के बाद राज्य सरकार और शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में यचिकाएं दायर कीं।

        साभार : हिन्दुस्तान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। डेढ़ लाख शिक्षा मित्र फिलहाल नौकरी में बने रहेंगे। सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

सुप्रीमकोर्ट ने ये आदेश शिक्षा मित्रों, प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किये।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गत 12 सितंबर को शिक्षा मित्रों को टीईटी ट्रेनिंग के बगैर सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति किये जाने को गलत ठहरा दिया था। हाईकोर्ट ने 172000 शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद से शिक्षा मित्र नौकरी बचाने के लिए आंदोलन कर रहे थे। शिक्षा मित्रों, प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल की हैं।

सोमवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी और याचिकाओं में प्रतिपक्षी बनाए गए लोगों को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया।

कोर्ट ने मामले पर विचार का मन बनाते हुए यह भी कहा कि ये एक मानवीय समस्या है। कोर्ट ने मामले पर आगे सुनवाई के लिए 24, 25 और 26 फरवरी की तिथि तय कर दी है। इससे पहले शिक्षा मित्रों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम और महालक्ष्मी पवनी ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है। केंद्र सरकार ने शिक्षा मित्रों को टीईटी ट्रेनिंग से छूट दी है। इसके बावजूद सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित किये गए शिक्षा मित्रों ने दूरस्थ प्रशिक्षण के जरिये दो साल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

सभी शिक्षामित्र स्नातक हैं और 16 साल से पढ़ा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा बोर्ड ने भी शिक्षा मित्रों के सुर में सुर मिलाया। उत्तर प्रदेश के एडवोकेट जनरल विजय बहादुर सिंह, दुष्यंत दवे और एमआर शमशाद ने कहा कि शिक्षा मित्रों की भर्ती की नीति प्रदेश सरकार की एकतरफा सोच नहीं थी। केंद्र सरकार के सर्वशिक्षा अभियान को लागू करने के लिए शिक्षा मित्रों की भर्ती की थी। ये 16 साल से पढ़ा रहे हैं और प्रशिक्षित भी है। हाईकोर्ट ने इनका समायोजन रद करते समय इन सब पहलुओं पर विचार नहीं किया है। हाईकोर्ट के आदेश से बेरोजगारी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

विजय बहादुर सिंह ने कहा कि आदेश के बाद से 40 शिक्षा मित्र आत्महत्या कर चुके हैं। बेसिक शिक्षा बोर्ड के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि शिक्षा मित्रों के सहायक शिक्षक पद पर समायोजन में किसी नियम कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। हालांकि बीटीसी और टीईटी करने वाले अभ्यर्थियों के वकील का कहना था कि अगर शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन हुआ तो उनका समायोजन नहीं हो पाएगा।

पीठ ने दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने सुप्रीमकोर्ट के अंतरिम रोक आदेश पर संतोष जताते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि सुप्रीमकोर्ट उनके साथ न्याय करेगा।

Tags: # SC ,  # Shiksha Mitra ,  # Supreme court ,  # allahabad high court ,  # lucknow ,  # education ,  # teacher ,

          साभार : दैनिकजागरण

Post a Comment

2 Comments

  1. 📌 सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को राहत देते हुए मामले पर आगे सुनवाई के लिए 24, 25 और 26 फरवरी की तिथि तय कर दी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह मानवीय समस्या है, यथास्थिति बहाल करे सरकार : सरकार को और शिक्षामित्र भर्ती न करने का दिया आदेश 
    👉 READ MORE 👇👆 http://www.basicshikshanews.com/2015/12/sc_7.html

    ReplyDelete
  2. फर्जीवाड़ा पर हाईकोर्ट ने दिया अभूतपूर्व आदेश

    ७२,८२५ भर्ती और टीईटी २०११ में धांधली और फर्जीवाड़ा का चोली-दामन का साथ

    प्राइमरी शिक्षक का नया वेतन

    Ncte के पत्र से निम्न बातें साफ

    टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियोँ को नियुक्ति दिलाकर ही बैठेँगे शान्त

    शिक्षा मित्र मुद्दे पर कुछ एहम बातें जिन पर गहन अध्यन्न करने की आवश्यकता - हिमाँशु राणा

    लाखों शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए खुश खबरी , तबादले फरवरी-2016 में

    प्राथमिक शिक्षा का कोढ़ और क्षद्म समाजवाद घुटनो पर ला दिया है हमने - हिमांशु राणा

    शिक्षामित्रों के समायोजन - सुप्रीम कोर्ट को रास आई दलीलें

    टीईटी 2016 - रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 16 दिसंबर तथा आवेदन की 18 दिसंबर

    शिक्षा मित्रों ने CM और बेसिक शिक्षा मंत्री के प्रति जताया आभार

    1.72 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन , अभी अंतिम फैसला नहीं - विधि विशेषज्ञ

    शिक्षामित्रों की खिलीं बाछें , मनाया जश्न, जागने लगी वेतन मिलने की आस

    प्रमाणपत्रों का वेरिफिकेशन , बकाया मानदेय, 3-4 बैच का रिजल्ट व मौलिक नियुक्ति related news

    12000 टीईटी पास प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उम्मीद बढ़ी

    हिमांशु राणा ने खाई कसम - "जब तक तोड़ेंगे नही,छोड़ेंगे नही !!"

    अभी सिर्फ स्टे है, अभी हाईकोर्ट का आर्डर पलटा नहीं गया

    रंग लाई सरकार की कोशिशें

    शिक्षामित्रों का रास्ता अभी भी भरा है काँटों से

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों के घर मनेगी दिवाली

    शिक्षामित्र समायोजन के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के मुख्य बिन्दु हिंदी में

    शिक्षामित्र टीचर बनाने की मांग की बजाय सैलरी बढ़वाएं

    ReplyDelete