यूपी के शिक्षामित्रों का मामला अब केन्द्र के पाले में : मुख्य सचिव आलोक रंजन ने यूपी के शिक्षामित्रों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से छूट देने के लिए एनसीटीई को पत्र भेजा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत का मामला अब केन्द्र सरकार के पाले में जा पहुंचा है। राज्य सरकार द्वारा केन्द्र के पाले में गेंद डालने के बाद अब प्रदर्शनों का केन्द्र नई दिल्ली बन रही है। पहले दो दिनों तक बेरोजगार बीएड/बीटीसी पास युवाओं ने प्रदर्शन कर बताया कि शिक्षामित्रों को समायोजित करना ही राज्य सरकार के पास आखिरी विकल्प नहीं है। उनकी दावेदारी को निरस्त नहीं किया जा सकता। इस दौरान टीईटी 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात भी की। इसके जवाब में शिक्षामित्र भी 5 अक्टूबर को नई दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचे और प्रदर्शन किया।
वहीं, राज्य सरकार केन्द्र के रुख का इंतजार कर रही है। यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने यूपी के शिक्षामित्रों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से छूट देने के लिए एनसीटीई को पत्र भेजा है। सरकार ने शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के बाद पैदा हुई विषम स्थितियों पर चिंता जताई है और शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के कारण स्कूल में पैदा हुई स्थितियों का भी जिक्र किया है।
साभार : हिन्दुस्तान
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यूपी के शिक्षामित्रों का मामला अब केन्द्र के पाले में : मुख्य सचिव आलोक रंजन ने यूपी के शिक्षामित्रों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से छूट देने के लिए एनसीटीई को पत्र भेजा
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