बिना मान्यता वाले 21,351 स्कूलों पर बंदी की तलवार लटकी : आरटीई कानून के तहत सरकार से मान्यता के बिना स्कूलों का संचालन नहीं हो सकता।
नई दिल्ली : देश में बिना मान्यता वाले 21,351 स्कूलों पर बंदी की तलवार लटक रही है। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के तहत न्यूनतम मानक पूरे नहीं करने के कारण ये स्कूल मान्यता हासिल करने में विफल रहे हैं।
आरटीई कानून के तहत सरकार से मान्यता के बिना स्कूलों का संचालन नहीं हो सकता। इन स्कूलों में करीब 26 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इस बारे में केंद्र ने राज्यों को भेजे रिमांइडर में कहा कि आरटीई के प्रावधानों के तहत इन बच्चों को नजदीक के मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला दिया जाए। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के सूत्रों ने बताया कि जिन स्कूलों को अमान्य घोषित किया है, उनमें सर्वाधिक 7009 स्कूल असम में हैं। वहीं, झारखंड में तीन हजार से ज्यादा स्कूल हैं।
अधिकतर स्कूल निजी क्षेत्र के हैं, लेकिन कुछ सरकारी स्कूल भी हैं, जिन्हें बंद किया जाना है। मंत्रलय के अनुसार, अप्रैल 2010 में आरटीई कानून लागू हुआ था। इसके मुताबिक, स्कूलों को तीन साल का समय दिया गया था कि वे कानून की धारा 19 के तहत न्यूनतम मानकों को पूरा कर मान्यता हासिल करें।
राज्य स्कूल बच्चे
झारखंड 3185 6,67,985
बिहार 3066 5,64,511
हरियाणा 501 65,621
उत्तर प्रदेश 118 26,707
उत्तराखंड 198 1,128
ये मानक पूरे नहीं किए:-
√सप्ताह में 45 घंटे की पढ़ाईहर कक्षा में एक
√शिक्षक प्राइमरी में 30 बच्चों पर एक
√शिक्षक अपर प्राइमरी में 35 पर एक
√शिक्षक लड़का-लड़की के अलग
√शौचालय प्राइमरी में 200 और अपर प्राइमरी में 220 दिन पढ़ाई
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