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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सामूहिक अवकाश पर रहेंगे समायोजित शिक्षामित्र : प्रमुख सचिव के विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्पष्ट हुआ कि 11 सितंबर तक का वेतन मिलेगा

सामूहिक अवकाश पर रहेंगे समायोजित शिक्षामित्र : प्रमुख सचिव के विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्पष्ट हुआ कि 11 सितंबर तक का वेतन मिलेगा

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिम्पल वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा है कि सहायक अध्यापक बने शिक्षा मित्रों को हाईकोर्ट का आदेश आने से पहले यानी 11 सितंबर तक का वेतन दिया जा सकता है।

वहीं इसके बाद का वेतन विधिक बाधा दूर होने पर ही मिलना संभव है। प्रमुख सचिव ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने का निर्देश दिया।

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ एक-एक मुद्दों पर चर्चा की। शिक्षा मित्रों का मुद्दा सबसे ज्वलंत है, इसलिए उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात की है।

जल्द ही विभागीय स्तर पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को पत्र भी भेज दिया जाएगा। उन्होंने शिक्षा मित्रों के मामले में शिक्षा अधिकारियों से कोई भी अपने स्तर पर निर्णय न लेने का निर्देश दिया।

सामूहिक अवकाश पर रहेंगे समायोजित शिक्षामित्र

वहीं, श्रावस्ती जिले में उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने से बौखलाए शिक्षकों ने पांच से सात अक्तूबर को समायोजित शिक्षामित्रों द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इसके लिए वह तीन दिन सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। साथ ही उनके द्वारा प्रथम चरण के मतदान का बहिष्कार भी किया जाएगा।

यह जानकारी देते हुए शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष निर्मल कुमार शुक्ल व लक्ष्मण प्रसाद बौद्ध ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया गया है। जिसका प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर विरोध किया जा रहा है।

इसी के क्रम में पांच से सात अक्तूबर को समायोजित शिक्षामित्रों द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए वह तीन दिन सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। ऐसे में शिक्षामित्र त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का बहिष्कार किया जाएगा। इसकी सूचना गुरुवार को लिखित रूप से जिला बेसिक शिक्षाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को दे दी गई है।

हक न मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष

बाराबंकी जिले में शिक्षामित्रों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। इस दौरान शिक्षामित्रों ने कहा कि जब तक उनका हक वापस नहीं मिल जाता है शिक्षामित्र चैन से बैठने वाले नहीं हैं। हक पाने के लिए अब दिल्ली का घेराव किया जाएगा।

धरने को संबोधित करते हुए समायोजन बचाओ समिति के जिलाध्यक्ष विनोद वर्मा ने कहा कि अदालत के फैसले ने शिक्षामित्रों के अर्श से लाकर फर्श पर पटक दिया। इससे शिक्षामित्रों को गहरा सदमा पहुंचा है। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह शिक्षामित्रों को न्याय दिलाएगी। लेकिन एनसीटीई इस मुद्दे पर मौन है।

जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि शिक्षामित्रों का अहित नहीं होने दिया जाएगा फिर एनसीटीई नियमों में छूट क्यों नहीं दे रही है। एनसीटीई की मनमानी से ही शिक्षामित्रों में आक्रोश पनप रहा है।

इसी को लेकर पांच अक्टूबर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया जा रहा है। जब तक शिक्षामित्रों को उनका हक नहीं मिलता तब तक ऐसे ही संघर्ष करते रहेंगे। इस मौके पर अनिल शर्मा, विकास यादव, राजवीर सिंह, रामशंकर राठौर, श्रुति सिंह, निधि शुक्ला आदि मौजूद रहे।

हम शिक्षक ही नहीं तो क्यों करें चुनाव ड्यूटी

एक अन्य जिले बहराइच में वेतन भुगतान को लेकर प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की ओर से पंचायत चुनाव का कार्य बहिष्कार चौथे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। इस दौरान शिक्षामित्रों ने डीएम को मांगपत्र सौंपा।

प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के तत्वावधान में शिक्षामित्रों ने संघ के जिलाध्यक्ष शिवश्याम मिश्र की अगुवाई में गुरुवार को चौथे दिन भी चुनाव कार्य का बहिष्कार किया। केडीसी में चुनाव प्रशिक्षण स्थल के निकट शिक्षामित्रों ने धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की।

संघ अध्यक्ष मिश्र ने कहा कि 15 साल तक प्राथमिक शिक्षा को अपनी सेवा देने वाले शिक्षामित्रों का न्यायालय के आदेश के बाद भविष्य अंधकारमय है। सभी पूरी तरह तनावग्रस्त हैं। प्रदेश में दर्जनों शिक्षामित्रों की आकस्मिक मौत हो चुकी है। न्यायालय के आदेश के बाद विभाग भी शिक्षामित्रों को शिक्षक नही मान रहा है।

ऐसे में चुनाव जैसे संवेदनशील कार्य में शिक्षामित्रों को लगाना ठीक नही है।अध्यक्ष ने कहा कि बीएसए द्वारा वेतन देने में अस्पष्ट राय रखना और कार्य कराने की प्रक्रिया में स्पष्ट राय रखना न्यायहित में नही है।

धरने के बाद शिक्षामित्रों ने डीएम से मिलकर वेतन भुगतान करवाने व शिक्षामित्रों को पंचायत चुनाव ड्यूटी से पृथक कराने की मांग कर पत्र सौंपा। इस दौरान अवधेश वर्मा, कमलेश वर्मा, अनिल सिंह, शेषराज तिवारी, राजेश सिंह, शरफुद्दीन खां, दिनेश गौतम, रिजवान अली, अभय मिश्रा, मिथलेश गुपता, रघुकुल शिरोमणि, अमरीक सिंह अनुराग यादव आदि मौजूद रहे।

      खबर साभार : अमरउजाला

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