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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

दूध की कोल्ड चेन टूटने से बीमार हुए थे बच्चे : स्कूल प्रशासन, पराग डेयरी और अक्षयपात्र को वितरण से पहले दूध की शुद्धता और गुणवत्ता का ध्यान रखने की सलाह भी दी- मजिस्ट्रेट

दूध की कोल्ड चेन टूटने से बीमार हुए थे बच्चे : स्कूल प्रशासन, पराग डेयरी और अक्षयपात्र को वितरण से पहले दूध की शुद्धता और गुणवत्ता का ध्यान रखने की सलाह भी दी- मजिस्ट्रेट

दूध की कोल्ड चेन टूटने से बीमार हुए थे बच्चे

√कैंट के प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के बीमार होने का मामला

लखनऊ : कैंट स्थित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में 29 जुलाई को 50 से ज्यादा बच्चों के दूध पीने से बीमार होने के मामले में जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन ने जारी कर दी है। इसमें पराग और अक्षयपात्र फाउंडेशन को आंशिक रूप से दोषी मानते हुए जवाब मांगा गया है। 

डीएम राजशेखर ने बताया कि सिटी मैजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट में कोल्ड चेन टूटने और पराग दूध में फैट की मात्रा 3 फीसदी की जगह 2.5 फीसदी होने की बात सामने आई है। इसके अलावा दूध के पैकेट्स पर फ्लेवर्ड और कलर का उल्लेख सही प्रिंट नहीं था। इसलिए पराग डेयरी को आंशिक तौर पर दोषी करार दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम राजशेखर ने पराग डेयरी के महाप्रबंधक और अक्षयपात्र फाउंडेशन से एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।

खराब हो चुके थे दूध के पैकेट

सिटी मैजिस्ट्रेट शत्रोहन वैश्य की जांच रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मिड-डे मील के तहत वितरण से पहले ही कुछ दूध के पैकेट खराब हो चुके थे। अक्षयपात्र ने कोल्ड चेन बरकरार रखने में भी लापरवाही बरती। अच्छा दूध भी खराब दूध के साथ मिक्स करके बच्चों को दिया गया।

सिटी मैजिस्ट्रेट ने जांच रिपोर्ट सौंपने के साथ स्कूल प्रशासन, पराग डेयरी और अक्षयपात्र को वितरण से पहले दूध की शुद्धता और गुणवत्ता का ध्यान रखने की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में उसी दूध को वितरण हो, जो ताजा हो। दूध को ऐसे बर्तनों में रखा जाए, जिससे उसकी क्वालिटी प्रभावित न हो।

         खबर साभार : नवभारतटाइम्स

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