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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

बच्चों की संख्या बढ़ाने के दिए निर्देश एडी बेसिक, बीएसए ने किया स्कूलों का निरीक्षण : अल्पसंख्यक विद्यालयों व सम्बद्ध प्राइमरी स्कूलों से छिना जेडी का अधिकार

बच्चों की संख्या बढ़ाने के दिए निर्देश एडी बेसिक, बीएसए ने किया स्कूलों का निरीक्षण : अल्पसंख्यक विद्यालयों व सम्बद्ध प्राइमरी स्कूलों से छिना जेडी का अधिकार

लखनऊ। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक महेंद्र सिंह राणा व बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने शुक्रवार को शहर के कई परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम होने पर उसे बढ़ाने तथा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए।एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा को प्राथमिक विद्यालय हरौनी में निरीक्षण के दौरान 125 में 76 बच्चे उपस्थित मिले। प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर में भी 60 की अपेक्षा 31 बच्चे ही उपस्थित पाए गए। यहां शौचालय का दरवाजा भी टूटा हुआ था, जिसे उन्होंने ठीक कराने के निर्देश दिए। प्राथमिक विद्यालय रामदासपुर में शिक्षिका तरन्नुम आवागम पंजिका में बिना लिखा पढ़ी किए सर्वे के कार्य में गई थीं।

एडी बेसिक ने बताया कि निरीक्षण करके निकलने के बाद शिक्षिका रास्ते में मिल गईं। उन्हें चेतावनी दी जाएगी। यहां के बाद एडी बेसिक प्राथमिक विद्यालय बेंती पहुंचे। यहां उन्होंने चहारदीवारी चेक की और यूनिफार्म वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। दूसरी ओर बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने प्राथमिक विद्यालय नरही और प्राथमिक विद्यालय जियामऊ का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने शिक्षकों को बच्चों की संख्या बढ़ाने तथा टीएलएम के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालय जियामऊ की बाउंड्रीवाल टूटी हुई है जिसे बनवाने के लिए कहा गया है।

लखनऊ। अल्पसंख्यक विद्यालयों एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सम्बद्ध प्राइमरी विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वेतन अनुमन्यता देने का अधिकार संयुक्त शिक्षा निदेशक से छीन लिया गया है। अब मंडलीय कमेटी की जगह जिला विद्यालय निरीक्षक ही वेतन अनुमन्यता के आदेश दे सकेंगे। इस संबंध में कोर्ट के आदेश पर प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं।

अल्पसंख्यक कालेजों एवं एडेड स्कूलों के सम्बद्ध प्राइमरी प्रभाग में शिक्षकों व शिक्षेणत्तर कर्मचारियों की भर्ती का अधिकार प्रबंधन के पास होता है। जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति लेने के बाद प्रबंधक भर्ती करता है। उसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से वेतन अनुमन्यता के लिए जेडी (मंडलीय कमेटी) के पास पत्रावली भेजी जाती है। इससे काफी विलंब होता है। इसको लेकर न्यायालय में कई याचिकाएं भी दाखिल हो रही हैं। इस पर प्रमुख सचिव ने वेतन अनुमन्यता के लिए मंडलीय समिति के पास पत्रावली भेजने की व्यवस्था ही समाप्त कर दी है। अब जिला विद्यालय निरीक्षक भर्ती के बाद सीधे वेतन निकलाने के लिए अधिकृत होंगे।

           खबर साभार : डीएनए

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