पंचायत चुनावी ड्यूटी से नहीं भाग पाएंगे कर्मचारी व अधिकारी : पीपीपीएमएस साफ्टवेयर के जरिये अधिकारियों व कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी का ब्यौरा किया जायेगा ऑनलाइन
जौनपुर : अब पंचायत चुनाव की ड्यूटी से कर्मचारी व अधिकारी जी नहीं चुरा पाएंगे। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है। एनआईसी की तरफ से पीपीपीएमएस साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत अधिकारियों व कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी का ब्यौरा आनलाइन किया जाएगा। सभी विभागों को लॉगिन आईडी व पासवर्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2015 की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। पारदर्शिता लाने के लिए पंचायत निर्वाचन द्वारा अधिकतर कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है। इसमें प्रत्येक विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जा रहा है। इनको अपने विभाग की लॉगिन आईडी व पासवर्ड जिला सूचना विज्ञान अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। उनकी जिम्मेदारी होगी कि वह समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम, पदनाम, मोबाइल इत्यादि ऑनलाइन प्रोफार्मा के अनुसार फी¨डग कराएंगे। अपने विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का ब्यौरा आनलाइन देना होगा। पहले जहां मैनुअल प्रणाली के तहत लोग ड्यूटी में अंतिम समय तक फेरबदल कर लेते थे लेकिन अब एक बार डाटा संरक्षित होने के बाद उसमें किसी प्रकार का फेरबदल नहीं किया जा सकता है। इसके लिए शासन स्तर से पीपीपीएमएस साफ्टवेयर विकसित किया गया है।
नोडल अधिकारियों द्वारा उनके विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के विवरण की डेटा फी¨डग पूर्ण होने के पश्चात उसका ¨प्रट आउट लेकर जांच करेंगे। जांच के बाद नोडल अधिकारी द्वारा अपने प्रविष्टियों को संरक्षित करते हुए डिजिटल साइन करना होगा। एक बार विवरण फ्रीज करने के बाद फिर उसमें कर्मचारियों व अधिकारियों का विवरण को संरक्षित, अपडेट व डिलीट नहीं किया जा सकता है। नोडल अधिकारियों द्वारा उस विवरण को संरक्षित व डिजिटली साइन करते ही पीपीपीएमएस साफ्टवेयर संबंधित कार्यालय को एक रेंडम नंबर आंवटित करेगा। जिससे वह डाटा उसी समय जिलाधिकारी कार्यालय व जिला निर्वाचन कार्यालय के कम्प्यूटर में भी स्टोर हो जाएगा। नोडल अधिकारी द्वारा किसी भी दशा में वर्ल्ड, एक्सेल में अधिकारियों व कर्मचारियों का विवरण की सूची प्राप्त नहीं की जाएगी। यह कार्य 15 दिनों में पूर्ण किया जाएगा।
समय की होगी बचत
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर पीपीपीएमएस साफ्टवेयर तैयार होने से समय की बचत होगी। इसमें पारदर्शिता बरती जाएगी। पहले मैनुअल प्रणाली के तहत जहां टाइ¨पग में तमाम तरह की समस्या होती थी। डाटा आनलाइन होने से साफ्टवेयर के जरिए ड्यूटी आनलाइन हो जाएगी।
उमाशंकर वर्मा-जिला सूचना विज्ञान अधिकारी
खबर साभार : दैनिकजागरण
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