प्रदेश के पेंशनरों के लिए अब और आसान होगा पेंशन पाना : पेंशनर कभी भी जाकर उनमें अपने अंगुलियों की छाप दे सकेंगे, जिससे मैच कर उन्हें वर्ष भर पेंशन मिलेगी ; जीवन प्रमाण पत्र देने से मिलेगी मुक्ति
लखनऊ | प्रदेश के पेंशनरों के लिए पेंशन पाना अब और आसान होगा। कोषागार महकमा हर जिले में कुछ फिंगर प्रिंट मशीनें लगवाएगा। पेंशनर कभी भी जाकर उनमें अपने अंगुलियों की छाप दे सकेंगे, जिससे मैच कर उन्हें वर्ष भर पेंशन मिलेगी। इससे उन्हें वर्ष में एक बार फार्म भरकर जीवन प्रमाण पत्र देने से मुक्ति मिलेगी।
राज्य में इस समय दस लाख पेंशनर हैं। इन्हें 78 कोषागारों के माध्यम से सीधे बैंक में उनके खाते में पेंशन का भुगतान होता है। पेंशनरों को वर्ष में एक बार जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए एक फार्म भरकर कोषागार अधिकारी, संबंधित बैंक के प्रबंधक या किसी राजपत्रित अधिकारी के समक्ष जाकर हस्ताक्षर करवाने होते हैं। कोषागार निदेशालय पेंशनरों के हित में अब यह प्रक्रिया भी सुगम करने जा रहा है।
कोषागार निदेशक लोरिक यादव के अनुसार पेंशनरों को और आसानी से पेंशन उपलब्ध कराने तथा उन्हें परेशानी से बचाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत पूरे प्रदेश में 500 मशीनें लगवाई जाएंगी। ये मशीने जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी कार्यालय, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालयों जैसे स्थानों पर तो होंगी ही, तहसील स्तर पर भी लगवा दी जाएंगी। ये मशीनें सीधे कोषागार से जुड़ी रहेंगी और सारे कोषागार राजधानी में एक सर्वर से जुड़े हैं। इसके बाद सिर्फ एक बार पेंशनर को कोषागार आकर अंगुलियों की छाप देनी होगी। उसके बाद वह वर्ष में कभी भी एक बार जाकर किसी भी फिंगरप्रिंट मशीन में अंगुलियों की छाप देंगे। कोषागार के पास मौजूद उनके फिंगर प्रिंट से मैच होते ही उसे पेंशन के जीवित होने की सूचना के रूप में दर्ज कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें पेंशन मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। बाजार में मौजूदा समय में यह मशीन लगभग 3500 रुपये के आसपास मिल रही है।
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