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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्रदेश के 12 जिलों में श्रमिक बच्चों के लिए खुलेंगे स्कूल : श्रमिक बच्चों को कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाएगी; इन आवासीय स्कूलों में 100 बच्चों (बालक व बालिकाओं) के लिए अलग-अलग स्कूल बनेंगे

प्रदेश के 12 जिलों में श्रमिक बच्चों के लिए खुलेंगे स्कूल : श्रमिक बच्चों को कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाएगी; इन आवासीय स्कूलों में 100 बच्चों (बालक व बालिकाओं) के लिए अलग-अलग स्कूल बनेंगे

लखनऊ। प्रदेश सरकार अब श्रमिक बच्चों को शिक्षित करने की कवायद शुरू की है। जिसके तहत प्रदेश के 12 जिलों में स्कूल खोले जाएंगे। यह जानकारी महिला सामाख्या उत्तर प्रदेश की राज्य परियोजना निदेशक डा. स्मृति सिंह ने शनिवार को दी। उन्होंने बबताया कि परियोजना के तहत कानपुर, इटावा, कन्नौज, फिरोजाबाद, आगरा, ललितपुर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, आजमगढ़, भदोही और बहराइच में स्कूल खोले जाएंगे। जिसमें श्रमिक बच्चों को कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाएगी। इन आवासीय स्कूलों में 100 बच्चों (बालक व बालिकाओं) के लिए अलग-अलग स्कूल बनेंगे।

शिक्षकों व स्टाफ का प्रशिक्षण 23 जुलाई से 26 जुलाई तक सौभाग्य गेस्ट हाउस में किया जाएगा। इन आवासीय स्कूल ‘विहिन’ महिला सामाख्या द्वारा एक अगस्त से खोले जाएंगे। प्रदेश सरकार ने परियोजना की जिम्मेदारी महिला सामाख्या को सौंपी गई है।

      खबर साभार : हिन्दुस्तान


12 जिलों में श्रमिकों के बच्चों के लिए स्कूलों का संचालन शुरू

लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश सरकार ने शनिवार से महिला समाख्या परियोजना के जरिये 12 जिलों में श्रमिकों के बच्चों के लिए आवासीय स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया है। इन स्कूलों में फिलहाल कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा दी जाएगी। परियोजना निदेशक डॉ. स्मृति सिंह ने बताया कि ये स्कूल कानपुर, इटावा, कन्नौज, फीरोजाबाद, आगरा, ललितपुर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, आजमगढ़, भदोही और बहराइच में शुरू किए गए हैं। इन जिलों में दो-दो स्कूल खोले गए हैं।

प्रत्येक स्कूल में 100-100 बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था है। इन स्कूलों की सफलता के आधार पर भविष्य में प्रदेश सरकार का ऐसे और स्कूलों को शुरू करने की योजना है।

        खबर साभार : अमरउजाला


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