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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

MDM में दूध बांटने की योजना का विरोध शुरू : जितने दूध की जरूरत है, उतना उपलब्ध ही नहीं, ऐसे में मिलावटी दूध मिलेगा, पहले ही दिन इसकी हकीकत देखी जा चुकी ,सरकार ने 20 जुलाई से 30 अगस्त तक यूनिफॉर्म वितरण पूरा करने का आदेश जारी

MDM में दूध बांटने की योजना का विरोध शुरू : जितने दूध की जरूरत है, उतना उपलब्ध ही नहीं, ऐसे में मिलावटी दूध मिलेगा, पहले ही दिन इसकी हकीकत देखी जा चुकी 

लखनऊ : मिड-डे-मिल में प्रशासन का दावा है कि जिले के पांच ब्लॉकों में 98 से 100 फीसदी तक बच्चों को दूध बांटा गया। साथ ही यह भी साफ किया है कि तीन ब्लॉक और नगर क्षेत्र में अक्षय पात्र फाउंडेशन ने अगले बुधवार से दूध बांटने का वादा किया है। गुरुवार को डीएम ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिली रिपोर्ट में जिले के आठ ब्लॉकों में 2029 सरकारी स्कूलों में करीब 2,29,000 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से बीकेटी, माल, मोहनलालगंज, गोसाईगंज और मलिहाबाद ब्लॉकों के स्कूलों में 98 से 100 फीसदी बच्चों को दूध बांटा गया है।

सरकार ने 20 जुलाई से 30 अगस्त तक यूनिफॉर्म वितरण पूरा करने का आदेश जारी किया है, जबकि अभी तक जिलों को पैसा तक नहीं भेजा गया। यूनीफॉर्म की धनराशि जिलों तक पहुंचने में ही कई दिन लग जाएंगे। उसके बाद धनराशि स्कूलों को भेजी जाएगी। हर बच्चे को दो जोड़ी यूनीफॉर्म सिलवाने के लिए प्रति यूनीफॉर्म 200 रुपया दिया जाना है। इसमें भी 150 रुपये पहले मिलेगा और 50 रुपये क्वालिटी जांच होने के बाद। जहां बच्चों की संख्या 50 से ज्यादा है तो स्कूल प्रबंधन समिति को तीन कंपनियों के कोटेशन लेने होंगे और 250 से ज्यादा बच्चों पर टेंडर कराना होगा। इस प्रक्रिया में ही महीनों लग जाते हैं।


खराब दूध मिलने की पूरी आशंका है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा। सरकार को योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। 

- विनय कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, प्रशिक्षक शिक्षक स्नातक असोसिएशन


जितने दूध की जरूरत है, उतना उपलब्ध ही नहीं है। ऐसे में मिलावटी दूध मिलेगा। पहले ही दिन इसकी हकीकत देखी जा चुकी है। 

डॉ.आरपी मिश्र, प्रांतीय मंत्री, माध्यमिक शिक्षक संघ

पहले दिन आईं मुसीबतों से नाराज शिक्षक बोले, योजना बच्चों की सेहत से खिलवाड़•प्रमुख संवाददाता, लखनऊ

बच्चों को मिड-डे-मील में दूध बांटने को लेकर पहले ही दिन पेश आई मुसीबतों के बाद टीचरों ने इस योजना का ही विरोध शुरू कर दिया है। 

प्रदेश सरकार ने बच्चों को हर बुधवार एमडीएम में दूध बांटने के आदेश दिए हैं। पहले दिन 15 जुलाई को शिक्षकों से लेकर अफसर तक जुटे लेकिन सभी बच्चों को दूध नहीं मिला। कई जगह मिलावटी दूध पीने की शिकायतें आईं और लखीमपुर में तो बच्चे बीमार पड़ गए। शिक्षकों का कहना है कि किसी भी जिले में इतना दूध ही नहीं है तो ऐसे में वे कहां से लाएं और बंटवाएं। प्रदेश भर में 40 लाख लीटर दूध एक दिन में चाहिए।

          खबर साभार : नवभारतटाइम्स

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