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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षामित्रों के समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट के रुख से कई परिवारों की नींद उड़ गई : सुप्रीम कोर्ट के रुख से बेचैन शिक्षामित्र ; बेसिक शिक्षा परिषद विभागीय टीईटी आयोजित कराए

शिक्षामित्रों के समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट के रुख से कई परिवारों की नींद उड़ गई : सुप्रीम कोर्ट के रुख से बेचैन शिक्षामित्र ; बेसिक शिक्षा परिषद विभागीय टीईटी आयोजित कराए

फीरोजाबाद: शिक्षामित्रों के समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट के रुख से कई परिवारों की नींद उड़ गई है। शिक्षक पद पर समायोजित हो चुके शिक्षामित्र भी बेचैन हो गए हैं, उनकी नजर भी फैसले पर जमी है। मंगलवार को स्कूलों में भी शिक्षकों के बीच में यही चर्चा होती रही। शिक्षामित्र से शिक्षक बनने वालों के बीच एक ही सवाल था आखिर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देगा?

फीरोजाबाद में पिछले दो चरणों में 1675 शिक्षामित्रों का शिक्षक के पद पर समायोजन हो चुका है। पहले चरण में 734 तथा दूसरे चरण में 941 शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया था। इन्होंने जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में सुना तो वह चौंक गए। सुबह से ही स्कूलों में इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं सुनती नजर आई। कईयों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट समायोजित हो चुके शिक्षामित्रों के संबंध में शायद रियायत बरते।

वहीं विभागीय अफसरों के बीच भी इसकी चर्चा रही। वजह साफ थी विभाग द्वारा पहले चरण के सैकड़ों शिक्षामित्रों के साथ में दूसरे चरण में समायोजित कई शिक्षामित्रों को भी शिक्षक के रूप में वेतन जारी कर चुका है। ऐसे में न्यायालय अगर इनके विरोध में फैसला देता है तो विभाग के समक्ष दिक्कतें होंगी।

कई शिक्षामित्रों के टूट जाएंगे ख्वाब

वहीं किन्हीं कारणों से शिक्षक के पद पर समायोजित रहने से वंचित रह गए शिक्षामित्रों की नींद उड़ गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच जाने तथा इस मामले को न्यायालय द्वारा गंभीरता से लेने के बाद इतना तय है अब इनके समायोजन की प्रक्रिया प्रभावित होगी। इस प्रक्रिया के प्रभावित होने का अर्थ है इनके शिक्षक बनने की राह में बड़ा रोड़ा खड़ा होना। इनके द्वारा जानकारों से संपर्क साधा जा रहा है।

शिक्षक बने 1661 शिक्षामित्रों पर लटकी तलवार : विभागीय टीईटी कराई जाए

फर्रुखाबाद : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सहायक अध्यापक पद पर बिना टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगाये जाने से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण ले रहे शिक्षामित्रों की शिक्षक पद पर नौकरी का मामला अधर में पहुंच गया है। प्रथम व द्वितीय चरण में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पा चुके 1661 शिक्षामित्रों का भी मामला फंस सकता है।

दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 555 शिक्षामित्रों को प्रथम चरण में 31 जुलाई 2014 को प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किया गया था। प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद इनमें से 400 शिक्षामित्रों को शिक्षक पद का वेतन भी मिलने लगा है।

द्वितीय चरण में 1106 शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र जारी कर सहायक अध्यापक पद पर तैनाती दी गई। इन्हें वेतन भुगतान के लिए प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने वाले शिक्षामित्रों के अध्यापक पद पर समायोजन की रोक लगाई है। शिक्षक पद पर नियुक्ति पा चुके शिक्षा मित्रों में महज दर्जन भर शिक्षा मित्र ही टीईटी उत्तीर्ण हैं। इससे अध्यापक बने अधिकांश शिक्षा मित्रों का मामला उलझ सकता है।

इंटरमीडियट उत्तीर्ण लगभग 200 शिक्षा मित्रों का बीटीसी प्रशिक्षण भी अंतिम चरण में है। इन शिक्षामित्रों के अध्यापक पद पर समायोजन के लिए सृजित पदों के सापेक्ष रिक्तियां भी पर्याप्त हैं। प्रशिक्षण पूरा होते ही इन्हें भी शिक्षक पद पर नियुक्ति मिलनी थी। उधर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज ¨सह ने बताया कि द्वितीय चरण के जिन शिक्षा मित्रों की नियुक्ति प्रमाणपत्रों की जांच से रुकी थी, अब उन्हें अग्रिम आदेश आने तक नियुक्ति पत्र नहीं दिए जायेंगे।

विभागीय टीईटी कराई जाए

शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष ऋषिपाल सिंह यादव ने बताया कि न्यायालय के आदेश से शिक्षा मित्रों को धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा ठीक से पक्ष प्रस्तुत न करने से यह निर्णय आया है। मामले को सुलझाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद विभागीय टीईटी आयोजित कराए |

      खबर साभार : दैनिकजागरण

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