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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

स्कूलों में मिड-डे-मील खिलाने के नाम पर बच्चों की सेहत के साथ किस तरह खिलवाड़ : डीएम ने दिया संस्था का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश : मिड-डे-मील के कोफ्ते में निकले कीड़े

स्कूलों में मिड-डे-मील खिलाने के नाम पर बच्चों की सेहत के साथ किस तरह खिलवाड़ : डीएम ने दिया संस्था का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश : मिड-डे-मील के कोफ्ते में निकले कीड़े

मिड-डे-मील के कोफ्ते में कीड़े निकलने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए मौके पर भेजा गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए लखनऊ

लखनऊ (डीएनएन)। स्कूलों में मिड-डे-मील खिलाने के नाम पर बच्चों की सेहत के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका उदाहरण बुधवार को लालबाग स्थित क्वींस एएस इंटर कॉलेज में देखने को मिला। यहां मिड-डे-मील में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को दूध और कोफ्ता वितरित करने के लिए आया था। लेकिन जैसे ही शिक्षिका ने कोफ्ता चेक किया, उसमें कीड़े और घुन देख खाना रोक दिया। उन्होंने इसकी सूचना प्रिंसिपल आरपी मिश्र को दी। जिसके बाद बच्चों को कोफ्ता चावल नहीं दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रिंसिपल ने संस्था को नोटिस जारी की है। वहीं लखनऊ के डीएम राज शेखर ने संस्था का लाइसेंस निरस्त करने के लिए बीएसए को आदेश दिए हैं। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से परिषदीय विद्यालयों, एडेड व मदरसों में कक्षा आठ तक के बच्चों को गुणवत्ता युक्त मिड-डे-मील देने की व्यवस्था है। चूंकि माध्यमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील देने की जिम्मेदारी आठ स्वयं सेवी संस्थाओं को दी गई है। बुधवार को सुबह 10 बजे छत्तीसगढ़ सामाजिक सेवा संस्थान के कर्मचारी मिड-डे-मील में मेन्यू के अनुसार दूध और कोफ्ता चावल वितरित करने के लिए लालबाग स्थित क्वींस एएस इंटर कॉलेज पहुंचे। बच्चों को खाना देने से पहले शिक्षक उसकी जांच करते हैं। लिहाजा जूनियर सेक्शन की इंचार्ज निधि पांडेय ने कोफ्ता-चावल चेक किया। शिक्षिका के मुताबिक कोफ्ते में कीड़े और घुन निकले। इस पर उन्होंने प्रिंसिपल डॉ.आरपी मिश्र को सूचना दी। डॉ.मिश्र ने भी कीड़े और घुन देखकर कोफ्ता-चावल बच्चों को देने से मना करते हुए उसे जब्त कर लिया। उन्होंने संस्था को चेतावनी नोटिस जारी करने के साथ-साथ अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी। इसके बाद बीईओ नीलम सिंह भी जांच के लिए स्कूल पहुंचीं।मौके पर पहुंची एफएसडीए की टीम, नमूने भरे : मिड-डे-मील में कोफ्ते में कीड़े निकलने से विभाग में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर सीएफएसओ एसपी सिंह अपनी टीम के साथ क्वींस कॉलेज पहुंच गए। उन्होंने कोफ्ते में निकले कीड़े देखे और कोफ्ते-चावल के साथ संस्था के गोदाम से बेसन के नमूने भी भरे गए हैं। श्री सिंह ने बताया कि नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद एडीएम कोर्ट में संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

नहीं दिखा पाए लाइसेंस : जांच के दौरान एफएसडीए की टीम ने मिड-डे-मील देने वाली संस्था छत्तीसगढ़ सामाजिक सेवा संस्थान के संचालक रब्बानी अलवी से लाइसेंस मांगा। लेकिन उसने लाइसेंस नहीं दिखा सका। बताया कि लाइसेंस बन गया है, लेकिन ला नहीं पाया हूं। लाइसेंस के बिना ही 21 स्कूलों में पांच हजार बच्चों को मिड-डे-मील देने के मामले में संस्था के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। जानकारों के अनुसार यह भी पता लगाया जा रहा है कि बिना लाइसेंस संस्था को किस आधार पर खाना देने की जिम्मेदारी सौंप दी गई।

     खबर साभार : डीएनए

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