क्रियात्मक शोध : हमारे देश में भी विद्यालय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अभिनव प्रयास करने वाले शिक्षकों द्वारा क्रियात्मक शोध के माध्यम से सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं………………………
दुनिया भर में स्कूली शिक्षा में होने वाले शोधों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके चलते सीखने-सिखाने को समझने में काफी मदद मिली है। इसी कड़ी में क्रियात्मक शोध एक नयी शोध विधा के रूप में उभरकर सामने आया है। क्रियात्मक शोध के माध्यम से शैक्षिक कार्य-संपादन में संलग्न शिक्षाविदों से लेकर शिक्षकों तक को अपनी समझ के साथ-साथ अपने प्रयासों में व्यवस्थित तरीके से सुधार करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
हमारे देश में भी विद्यालय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अभिनव प्रयास करने वाले शिक्षकों द्वारा क्रियात्मक शोध के माध्यम से सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के प्रयास लगातार किए जाते रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में समस्यायें बहुत है। क्रियात्मक अनुसंधान कक्षा कक्ष की विभिन्न स्थितियों की समस्याओं का हल खोजने, निदानात्मक मूल्यांकन और उपचारात्मक उपाय करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण, उपयोगी और सामयिक सिद्ध होता है। निःसंदेह शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का लक्ष्य नवीन शैक्षिक ज्ञान की खोज है जो उन समस्याओं को हल करने हेतु अनुसंधान शिक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं के निदान एवं उपचार में पर्याप्त सीमा तक उपयुक्त एवं कारगर सिद्ध होता है।
किसी भी व्यवस्था को भली प्रकार संचालन के लिये उसके सदस्य ही उत्तरदायी होते है। उनके समक्ष समस्याये आती है, उसकी गहनता को कार्यकर्ता ही भली प्रकारसमझ सकता है। अतः कार्यकर्ता को कार्यप्रणाली की समस्या के चयन करने तथा उसके समाधान ढूंढने की पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिये तभी वह अपने कार्य कौशल का विकास कर सकता है।
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