वर्ष 2011 में शिक्षा मित्रों के कोटे पर बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यदि दोबारा शिक्षा मित्र बनकर शिक्षक पद पर समायोजित हुए हैं तो ऐसे अभ्यर्थियों का होगा समायोजन रद्द
लखनऊ। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को भेजे निर्देश में कहा है कि वर्ष 2011 में शिक्षा मित्रों के कोटे पर बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यदि दोबारा शिक्षा मित्र बनकर शिक्षक पद पर समायोजित हुए हैं तो ऐसे अभ्यर्थियों का समायोजन रद्द होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों के लिए बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी 2007, 2008 व 2010 में प्रशिक्षण के लिए 10 फीसदी कोटा आरक्षित किया गया था। शिक्षा मित्रों ने इस अवधि में प्रशिक्षण तो प्राप्त कर लिया, लेकिन टीईटी पास नहीं कर पाए।
शासन ने ऐसे शिक्षा मित्रों को मूल पद पर भेजने का शासनादेश जारी किया था, लेकिन वर्ष 2011 में बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षा मित्रों को मूल पद पर भेजने का शासनादेश नहीं हुआ। इसलिए यदि ऐसे शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया है, तो उनका चयन निरस्त कर दिया जाए।
खबर साभार : अमरउजाला
बीटीसी 2011 के समायोजित शिक्षामित्रों की नियुक्तियां होंगी रद
लखनऊ : बीटीसी प्रशिक्षण 2011 में शिक्षामित्र कोटे से ट्रेनिंग लेकर फिर से मूल विद्यालयों में शिक्षामित्र के पद पर कार्यभार ग्रहण करने और उसके बाद सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित होने वाले शिक्षामित्रों की नियुक्तियां निरस्त की जाएंगी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने मंगलवार को सभी बीएसए को इस बारे में निर्देश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षामित्रों का समायोजन 14 अगस्त 2012 को जारी शासनादेश के विपरीत था। लिहाजा यदि किसी जिले में ऐसे शिक्षामित्रों की नियुक्तियां की गई हैं तो बीएसए उन्हें तत्काल निरस्त कर इसकी जानकारी बेसिक शिक्षा निदेशक और बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय को दें।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में तैनात शिक्षामित्रों के लिए बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, 2008 व 2010 में 10 फीसद कोटा तय किया गया था। बाद में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी की अनिवार्यता की शर्त लागू हो गई। बेसिक शिक्षा विभाग ने 14 अगस्त 2012 को शासनादेश जारी कर 2007, 2008 व 2010 में बीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में शिक्षामित्र के पद पर कार्यभार ग्रहण कराने का निर्देश दिया गया था।
वहीं शिक्षामित्र कोटे के तहत बीटीसी प्रशिक्षण 2011 हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को उनके मूल विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर कार्यभार ग्रहण कराने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था। ऐसे बीटीसी प्रशिक्षणार्थियों के लिए टीईटी आयोजित करने के बाद स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त करने की प्रक्रिया जारी रही। सिन्हा का कहना है कि ऐसे में न अभ्यर्थियों को पूर्व विद्यालय में फिर से शिक्षामित्र के पद पर कार्यभार ग्रहण कराने का औचित्य नहीं था।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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