बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी बोले;प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक योग्य पर इच्छाशक्ति की कमी : 'शिक्षक जिम्मेदारी से पढ़ाएं तो बदल सकती है तस्वीर’-
1-बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी बोले, प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक योग्य पर इच्छाशक्ति की कमी
2-टीचर चेंजमेकर सम्मेलन में हुई इनोवेशन पर चर्चा
3-सोमवार को अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में स्टूडेंट एंड टीचर्स इनोवेटिंग फॉर रिजल्ट (स्टर) एजुकेशन की ओर से आयोजित टीचर चेंजमेकर सम्मेलन में बोले
लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों में योग्यता की कोई कमी नहीं है। बस उनमें इच्छाशक्ति की कमी है। अगर वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पढ़ाई करवाएं तो तस्वीर बदल सकती है। यह बात बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कही। वे सोमवार को अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में स्टूडेंट एंड टीचर्स इनोवेटिंग फॉर रिजल्ट (स्टर) एजुकेशन की ओर से आयोजित टीचर चेंजमेकर सम्मेलन में बोल रहे थे। इसमें प्रदेश भर से करीब 800 सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक शामिल हुए। इन्हें स्टर एजुकेशन ने चेंजमेकर चुना है।
कार्यक्रम में 30 शिक्षकों को इंग्लैंड की रोहेम्पटन यूनिवर्सिटी का प्रमाणपत्र दिया गया, 75 शिक्षकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और 357 शिक्षकों को स्टर की ओर से प्रमाणपत्र दिया गया। स्टर एजुकेशन युगांडा और भारत में इनोवेशन के माध्यम से शिक्षकों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। इसके लिए वह पंचायत स्तर पर चेंज मेकर शिक्षकों के ग्रुप तैयार करता है। ये लोग आपस में ज्ञान का आदान-प्रदान कर इनोवेटिव ढंग से पढ़ाई करवाते हैं।
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा, इच्छाशक्ति की कमी से ही योग्य शिक्षक भी बेहतर ढंग से पढ़ाई नहीं करवाते। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता न होना चिंता का विषय है। कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा ही वास्तविक शिक्षा है। ऐसे में इन कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षक पूरी जिम्मेदारी से काम करें। कार्यक्रम में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्टर द्वारा पूरे प्रदेश में ऐसे शिक्षक जो नवाचार के माध्यम से शिक्षण कार्य करवाते हैं उनके लिए सर्च अभियान चलाया गया। इसमें 45 हजार शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में इंग्लैंड की रोहेम्पटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल भी उपस्थित थे। उन्होंने शिक्षकों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
स्टर एजुकेशन के निदेशक (यूपी) सतीशचंद्र मिश्र ने कहा, अभी रायबरेली, उन्नाव और वाराणसी में इसे लागू किया गया है। लखनऊ में पिछले साल इस मुहिम को शुरू किया गया था। अब इसका विस्तार किया जाएगा।
अभिनव प्रयोग से करवाते हैं पढ़ाई-
शरथ जीवन के अनुसार चरणबद्ध ढंग से शिक्षकों को चेंजमेकर बनाया जाता है। इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर हम 30 ऐसे शिक्षकों को चुनते हैं जो स्कूलों में अभिनव प्रयोग के जरिये पढ़ाई करवाते हैं। यह नो कॉस्ट इनोवेशन है। अभिनव प्रयोगों को विभिन्न स्कूलों में लागू करवाया जाता है। तीन साल में हम शिक्षकों को पूरी तरह चेंज मेकर बना देते हैं। पहले साल में उन्होंने जो इनोवेशन किया है उसे दूसरे स्कूलों में लागू करवाने और अन्य शिक्षकों को प्रेरित करने का जिम्मा दिया जाता है। उन्हें एक्सपर्ट से ट्रेनिंग भी दिलाई जाती है।
खबर साभार : अमरउजाला/नवभारत टाइम्स
0 Comments