स्थायी मान्यता प्राप्त 99 मदरसों को अनुदान : कैबिनेट ने अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के इस प्रस्ताव को हरी दे दी झंडी-
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लखनऊ । प्रदेश सरकार ने आलिया स्तर के 93 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। मदरसे से जुड़े लोग सरकार के इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार जब बनी थी तब उन्होंने 146 मदरसों को अनुदान सूची में लेने की घोषणा की थी। इसे दो वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाना था लेकिन अभी तक एक भी मदरसे को अनुदान सूची में नहीं लिया गया था। अनुदान के मानकों में जब कई मदरसे फिट नहीं हुए तो सरकार ने पहले इनके मानक घटाए।
तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार को मात्र 93 मदरसे ऐसे मिले जो मानकों में पूरी तरह फिट बैठते हैं। इन सभी को अनुदान देने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया। इसी पर मंगलवार को मुहर लगी। इससे पहले छह मदरसे हाईकोर्ट के आदेशों के तहत अनुदान पा चुके हैं। इस तरह कुल 99 मदरसे अनुदान पाएंगे। बचे हुए 47 मदरसों को अनुदान देने के लिए फिर से कवायद की जाएगी।
अनुदान सूची में शामिल होने के बाद शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को अब प्रदेश सरकार वेतन देगी। प्रत्येक मदरसे में एक प्रधानाचार्य, 12 अध्यापक, एक लिपिक व एक अनुचर सहित कुल 15 पदों का मानक निर्धारित है। इसके लिए छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार हर मदरसे पर कुल 46 लाख 6 हजार 612 रुपये प्रतिवर्ष का खर्च आएगा।
खबर साभार : अमरउजाला
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