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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्राइमरी शिक्षकों के नए पद चार साल बाद तय होंगे : इससे पहले 2011 में सृजित हुए थे पद, इस समय 3,89,269 पद-

प्राइमरी शिक्षकों के नए पद चार साल बाद तय होंगे : इससे पहले 2011 में सृजित हुए थे पद, इस समय 3,89,269 पद-

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में चार साल बाद एक बार फिर सहायक अध्यापक के पदों का नए सिरे से सृजन करने की तैयारी है। सहायक अध्यापकों के पदों का सृजन छात्र संख्या को आधार मानते हुए किया जाएगा। मसलन शिक्षा का अधिकार अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर 30 बच्चों पर एक शिक्षक का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश के बाद विभाग ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद प्रदेश में 2011 में सहायक अध्यापक के 3,89,269 पद सृजित किए गए थे। प्रदेश में उस समय प्राइमरी स्कूलों की संख्या कम थी। मौजूदा समय प्रदेश में 1,12,754 प्राइमरी स्कूल हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिया कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के पदों के सृजन की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाए। इसके लिए जिलेवार बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों और छात्र संख्या को मांगा जाएगा।

तत्काल चाहिए 23 हजार शिक्षकों के पद-

प्राइमरी स्कूल में शिक्षक के कुल 3,89,269 पद है। इनमें से पूर्व से 1,69,591 पदों पर शिक्षक कार्यरत थे और 2,19,678 पद खाली थे। 2014 से इन रिक्त पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें बीटीसी से 5,030 शिक्षक पहले रखे गए। इसके बाद पहले चरण में 58,826 शिक्षा मित्र समायोजित हुए। मौजूदा समय 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती व दूसरे चरण के 91,104 शिक्षा मित्रों के समायोजन की प्रक्रिया चल रही है।

इसके अलावा बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों से 15,000 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो कुल 2,42,785 शिक्षक पदों की जरूरत है, लेकिन विभाग के पास खाली थे मात्र 2,19,678 पद। इस हिसाब से 23,107 पद की तत्काल जरूरत है।

        खबर साभार : अमरउजाला

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