जिले में छह और मंडल में 10 साल से जमे अफसरों का होगा तबादला : रिटायरमेंट करीब तो मनचाहे जिले में तैनाती-
लखनऊ। प्रदेश की नई तबादला नीति को मंजूरी मिल गई है। इससे विभागाध्यक्षों को समूह ‘क’ व ‘ख’ स्तर के अफसरों का तबादला करने का अधिकार मिल गया है। उनके पास यह अधिकार 30 जून 2015 तक रहेगा। इसके बाद तबादला करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री से इजाजत लेनी होगी। नई तबादला नीति के मुताबिक जिले में छह और मंडल में 10 साल तक काम करने वाले इसके दायरे में आएंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय किया गया।
राज्य सरकार हर साल नई तबादला नीति लाते हुए विभागाध्यक्षों को अफसरों के तबादले का अधिकार देती है। तबादला नीति अमूमन मई या जून में आती थी, लेकिन इस बार अप्रैल में ही इसे मंजूरी देते हुए विभागाध्यक्षों को तबादले के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। नीति के मुताबिक, 10 फीसदी तक ही स्थानांतरण किए जाएंगे। निशक्तों को इससे बाहर रखा जाएगा। स्थानांतरण करने के लिए जिले व मंडल में रहने की समय सीमा के लिए कटऑफ डेट 31 मार्च 2015 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री से अनुमति लेने के बाद विभागीय जरूरतों के आधार पर कभी भी अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादला किया जा सकेगा।
रिटायरमेंट करीब तो मनचाहे जिले में तैनाती-
दो वर्ष के अंदर रिटायर होने वाले समूह ‘ग’ के कार्मिकों को उनके गृह जिले व समूह ‘क’ और ‘ख’ के कार्मिकों को उनके गृह जिले को छोड़ते हुए मनचाहे जिले में स्थानांतरित किया जा सकेगा। स्थानांतरण नीति में किसी भी संशोधन का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होगा। स्थानांतरण अवधि उनकी मंजूरी से बढ़ाई जा सकती है।
खबर साभार : अमरउजाला/हिन्दुस्तान
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