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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

नई शिक्षा नीति में हर नागरिक की शिरकत होगी : दिसम्बर तक खत्म हो जाएगी शिक्षा नीति पर परामर्श प्रक्रिया-

नई शिक्षा नीति में हर नागरिक की शिरकत होगी : दिसम्बर तक खत्म हो जाएगी शिक्षा नीति पर परामर्श प्रक्रिया-

"देश के इतिहास में पहली बार हर नागरिक को विचारिवमर्श में भाग लेने का मौका देगा केंद्र शिक्षा नीति बनाते समय प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा"

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नई दिल्ली (वार्ता)। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली घटना होगी कि नई शिक्षा नीति बनाने के लिए सरकार हर नागरिक को विचार-विमर्श में भाग लेने का मौका देगी। ईरानी ने नई शिक्षा नीति बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श की प्रकिया को आगे बढ़ाने के वास्ते पहली बार राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति बनाते समय जमीनी स्तर से प्रादेशिक स्तर पर विचार विमर्श होगा और फिर राष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श किया जाएगा ताकि एक समग्र एवं ठोस नीति बन सके। यह नीति बनाते समय शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों तथा शिक्षा से जुड़े समाज के हर पक्षों की राय ली जाएगी। यह सब सहकारी संघीय ढांचे के तहत होगा ताकि देश की जरूरतों तथा आकांक्षाओं को नई शिक्षा नीति में शामिल किया जा सके। सम्मेलन में 22 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया तथा शेष राज्यों के शिक्षा सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। स्कूली शिक्षा सचिव वृंदा स्वरूप ने बताया कि नई शिक्षा नीति बनाने के लिए ग्राम सभा से प्रखंड और प्रखंड जिलास्तर पर र्चचा होगी और इस र्चचा का वेबसाइट पर सीधा प्रसारण भी किया जाएगा। नई शिक्षा नीति बनाने के लिए पहले इतने व्यापक स्तर पर र्चचा कभी नहीं हुई थी। श्रीमती स्वरूप ने कहा कि यह र्चचा 33 विषयों पर होगी, जिनमें 13 विषय स्कूली शिक्षा से संबंधित होंगे जबकि शेष उच्च शिक्षा से जुड़े होंगे। उन्होंने बताया कि जुलाई तक जमीनी स्तर पर विचारिवमर्श शुरू हो जाएगा और उसके बाद सितम्बर तक राज्य स्तर पर र्चचा हो जाएगी। फिर अक्टूबर से दिसम्बर तक क्षेत्रीय स्तर पर र्चचा होगी । उसके बाद केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक में भी इस पर बहस होगी। फिर इसे मंत्रिमंडल में रखा जाएगा और अंत में संसद में पेश किया जाएगा। शिक्षा नीति तैयार करने के लिए मंत्रालय ने टॉस्क फोर्स भी बनाया है। यह टॉस्क फोर्स समय समय पर नई शिक्षा नीति बनाने के लिए हुए विचारिवमर्श की निगरानी तथा मूल्यांकन कर प्रारूप तैयार करेगा। सम्मेलन में यह भी कहा गया कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नीति के तहत बोर्ड की परीक्षा में फेल न करने की नीति से नुकसान भी हुआ है तथा शिक्षा के गुणवत्ता प्रभावित हुई है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि बोर्ड में फेल न करने की नीति को समाप्त करेगी। इससे पहले 1986 में राजीव गांधी के शासनकाल में नई शिक्षा नीति बनाई गई थी। करीब 30 साल बाद नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

दिसम्बर तक खत्म हो जाएगी शिक्षा नीति पर परामर्श प्रक्रि या नई दिल्ली (भाषा)। गणतंत्र दिवस पर शुरू की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तय करने के लिए व्यापक परामर्श प्रक्रि या दिसम्बर तक पूरी हो जाएगी। परामर्श प्रक्रि या पूरी होने के बाद मसौदे की रिपोर्ट को विभिन्न पक्षों और केंद्रीय परामर्श बोर्ड शिक्षा के समक्ष रखा जाएगा। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में राज्य के शिक्षा मंत्रियों और सचिवों के साथ हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि साल भर चलने वाली विस्तृत कवायद के दौरान ग्रामीण स्तर पर 25 लाख से अधिक परामर्श बैठकें आयोजित होंगी। ईरानी बताया, ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।’

         खबर सभार : राष्ट्रीयसहारा

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