दर्जनों शिक्षकों ने साझा किए सभी के साथ अपने शिक्षण अनुभव : 'शिक्षक पहल' कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय शेयरिंग कार्यशाला हुआ सम्पन्न-
१-शिक्षकों को भी अपनी सैद्धांतिक समझ को अपडेट करने की आवश्यकता है।
२-राजधानी के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में 7 जिलों से 85 शिक्षकों समेत 110 लोगों ने प्रतिभाग किए।
३-कार्यशाला में जिले के करीब 20 से 40 शिक्षकों को आमंत्रित किया गया।
लखनऊ : मौजूदा समय में वंचित समुदाय के जो बच्चे परिषदीय स्कूल में आ रहे हैं। उनकी परिस्थितियों को समझने की जरूरत है। साथ ही शिक्षकों को भी अपनी सैद्धांतिक समझ को अपडेट करने की आवश्यकता है। यह बात रविवार को शिक्षक पहल कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय शेयरिंग कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित कमलेश जोशी ने कही।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पढ़ने और विचार करते रहना चाहिए। इसी से शिक्षकों को शिक्षा व्यवस्था में खुद को बेहतर स्थिति में लाने में मदद मिलेगी। राजधानी के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में 7 जिलों से 85 शिक्षकों समेत 110 लोगों ने प्रतिभाग किए। इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने अपने प्रयासों को शेयर किया और एक दूसरे को राय विचार भी दिए। इन शिक्षकों को भी एक-दूसरे के प्रयासों से सीखने का बेहतर अवसर मिला। शिक्षकों ने महसूस किया कि उन्हें लगातार सीखते रहने की जरूरत है। सभी स्कूलों के सभी शिक्षक सक्षमता और मनोबल के साथ कार्य कर पाएं, इसके लिए शिक्षक समूह को स्कूल और संकुल स्तर पर आपस में नियमित संवाद करने की जरूरत है। शिक्षकों ने माना की शिक्षा के सुधार की पहल अध्यापक के सहयोग और उत्साह से ही संभव है। हर एक पहल के लिए ऊपरी निर्देश का इंतजार नहीं करना चाहिए। कार्यशाला में जिले के करीब 20 से 40 शिक्षकों को आमंत्रित किया गया।
खबर साभार : डीएनएन
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