राज्य सरकार अभिभावकों से पूछेगी : सरकारी स्कूलों में बच्चों का क्यों नहीं कराते दाखिला-
लखनऊ। सरकार अभिभावकों से पूछेगी कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला क्यों नहीं कराते हैं। प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना क्यों पसंद करते हैं? जबकि सरकार स्कूलों में बच्चों को भयमुक्त और सीखने का अच्छा वातावरण दे रही है। सरकारी स्कूलों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों में क्या खास है जो उन्हें अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके आधार पर परिषदीय स्कूलों में सुधार की जाएगी। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार गिर रही है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सर्वे के लिए एक प्रश्नावली तैयार करते हुए जिलों को भेजा है।
एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ डायट प्राचार्यों को इस फॉर्म को भेजते हुए कहा है कि विभाग में काम करने वाले अभिभावकों से स्वयं इसे भराया जाएगा और अन्य अभिभावकों से घर भेजकर इसे भराया जाएगा।
अभिभावकों से पूछे जाएंगे ये प्रश्न:-
एससीईआरटी चार सेट में फॉर्म तैयार कराए हैं। दो सेट में 25-25 सवाल पूछे गए हैं। सबसे पहला सवाल है कि अभिभावक बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का दाखिला क्यों कराते हैं। बच्चों को सीखने का वातावरण मिल रहा है या नहीं, नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों की शिक्षा मिल रही है, उच्च सरकारी नौकरी और अच्छा सामाजिक महत्व पाने के लिए अंग्रेजी का ज्ञान होना कितना अनिवार्य है, बचों को लोक व्यवहार व शिष्टाचार सिखाया जा रहा है या नहीं। इसी तरह कंप्यूटर, इंटरनेट, वीडियो का ज्ञान कितना जरूरी है, टेस्ट लेना कितना अनिवार्य है, बच्चों में सीखने की तरीका विकसित हो रहा है या नहीं। बच्चों को शारीरिक दंड तो नहीं दिया जा रहा, अभिभावक शिक्षा के लिए शिक्षक को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं। इसके अलावा इसी तरह के अन्य सवालों का जवाब भी पूछा गया है।
खबर साभार : अमरउजाला
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