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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में हाईकोर्ट का निर्देश : काउंसलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएं-

जिनकी हुई काउंसिलिंग,उन्हें दें नियुक्ति पत्र : 72825 टीचरों की भर्ती का मामला : इलाहाबाद हाईकोर्ट-

इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अन्तरिम आदेश पारित कर प्राथमिक विद्यालयों में 72 हजार 825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में प्रथम, द्वितीय व तृतीय चक्र की काउंसिलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने राजीव कुमार सिंह व अन्य आवेदकों की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया कि याचीगण प्रथम, द्वितीय व तृतीय चक्र की काउंसिलिंग करा चुके हैं। ऐसे में चौथे चक्र की काउंसिलिंग की मेरिट के आधार पर उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक चयन-2011 की भर्ती में नियुक्ति पत्र जारी न करना अविधिक तथा अनुचित है। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों की प्राथमिक विद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए आवेदकों की प्रथम, द्वितीय व तृतीय चक्र की काउंसिलिंग हो चुकी है। इस बीच 17 दिसम्बर 2014 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सरकार चौथे चक्र की काउंसिलिंग करा रही है। चौथे चक्र की काउंसिलिंग में अधिक मेरिट होने के कारण प्रथम, द्वितीय व तृतीय चक्र की काउंसिलिंग में शामिल आवेदकों को नियुक्ति पत्र यह कहते हुए जारी नहीं किया जा रहा कि चौथे चक्र की काउंसिलिंग के अभ्यर्थियों की मेरिट अधिक है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश याचिका के अंतिम निर्णय पर आधारित होगा। कोर्ट ने इस मामले पर सरकार से जवाब भी मांगा है।

                   खबर साभार : राष्ट्रीयसहारा

सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में हाईकोर्ट का निर्देश : काउंसलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएं-

इलाहाबाद । हाईकोर्ट ने परिषदीय विद्यालयों में 72825 प्रशिक्षु अध्यापकों की नियुक्ति के मामले में निर्देश दिया है कि पहले, दूसरे और तीसरे चरण की काउंसलिंग करा चुके अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाए। हालांकि उनकी नियुक्ति याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेेगी। कोर्ट ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब भी मांगा है। राजीव कुमार सिंह और अन्य द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने यह आदेश दिया।

याचियों के वकील अनिल बिसेन और अग्निहोत्री कुमार के मुताबिक प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती के लिए तीन चरण की काउंसलिंग कराई जा चुकी है। शेष बचे हुए पदों के लिए चौथे चरण की काउंसलिंग कराई गई। चूंकि चौथे चरण में अभ्यर्थियों की मेरिट काफी ऊपर चली गई इसलिए अनंतिम सूची में पहले, दूसरे और तीसरे चरण के कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का नाम सूची से बाहर कर दिया। अधिवक्ताओं की दलील थी कि शुरू के तीन चरणों की काउंसलिंग में चयन प्रक्रिया पूरी हो गई। चौथी काउंसलिंग बचे हुए पदों के लिए कराई गई इसलिए उनकी मेरिट के आधार पर पूर्व में चयनित अभ्यर्थियों को बाहर करना गलत है। याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने अंतरिम आदेश में याचीगणों को नियुक्तिपत्र जारी करने का निर्देश दिया है।

          खबर साभार : अमरउजाला/डीएनए

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