डीएड डिग्री धारक भी सहायक अध्यापक के लिए पात्र : हाईकोर्ट ने डीएड वालों का ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का दिया निर्देश-
इलाहाबाद (ब्यूरो)। विशिष्ट शिक्षा डिप्लोमा (डीएड) धारकोें को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इन डिग्री धारकों को सहायक अध्यापक के लिए पात्र माना है। प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 12 और 13 दिसंबर 2014 के विज्ञापन के तहत इनका ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किया जाए। फैसले से डीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों में खुशी है।
देवेंद्र नारायण पांडेय और 93 अन्य लोगों ने याचिका दाखिल कर 12 और 13 दिसंबर 2014 के विज्ञापन को चुनौती दी थी। कहा गया कि इस विज्ञापन में मात्र बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू बीटीसी डिग्री वालों को ही योग्य माना गया है। जबकि एनसीटीई द्वारा 12 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अधिसूचना के तहत डीएड डिग्री धारकों को सहायक अध्यापक पद के लिए अर्ह माना गया है। यह भी बताया गया कि हर्ष कुमार व अन्य के केस में इसी कोर्ट की खंडपीठ ने डीएड डिग्री धारकों को कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए योग्य करार दिया है।
खबर साभार : अमरउजाला
15 हजार शिक्षक भर्ती में डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) धारकों को शामिल करने का निर्देश : इलाहाबाद हाईकोर्ट-
१-प्रदेश में 15 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में डीएड अभ्यर्थियों के भी शामिल किया जाए|
२-आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जाएं।
३ अभी तक इस भर्ती में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू बीटीसी की ही भर्ती की जा रही है।
इलाहाबाद : प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल होने के लिए संघर्ष कर रहे डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) विशेष शिक्षा अभ्यर्थियों ने एक बड़ी लड़ाई जीत ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में 15 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में उन्हें भी शामिल किया जाए और उनके आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जाएं। अभी तक इस भर्ती में बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और दो वर्षीय उर्दू बीटीसी की ही भर्ती की जा रही है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने देवेंद्र नारायण पांडेय व अन्य 93 अभ्यर्थियों की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया था कि एनसीटीई की अधिसूचना के तहत वे सहायक अध्यापक पद की पात्रता रखते हैं, लेकिन उन्हें भर्ती में शामिल नहीं किया जा रहा है। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा ने कहा कि अभ्यर्थियों ने टीईटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है और नियुक्ति की पात्रता रखते हैं।
उच्च न्यायालय ने इससे पहले भी यह आदेश दिया था कि डीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल किया जाए जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वहां राज्य सरकार की याचिका गत 13 जनवरी को खारिज हो गई थी। इसके बाद ही अभ्यर्थियों ने खुद को भर्ती में शामिल करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
खबर साभार : दैनिकजागरण
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