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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

प्रदेश के 11 जिलों में शिक्षक बने शिक्षा मित्र जांच के घेरे में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट-

प्रदेश के 11 जिलों में शिक्षक बने शिक्षा मित्र जांच के घेरे में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगी गई रिपोर्ट-

"माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने रायबरेली, सुल्तानपुर, फैजाबाद और सीतापुर समेत अन्य जिलों के बीएसए से मांगी रिपोर्ट"

लखनऊ। प्रदेश के 11 जिलों में वर्ष 2011 में बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षक बनने वाले शिक्षा मित्रों की पात्रता की जांच शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने रायबरेली, लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, सीतापुर, कानपुर देहात, मैनपुरी, इलाहाबाद, मेरठ, सहारनपुर व औरैया के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को गड़बड़ी की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। यह भी पूछा है कि ये शिक्षा मित्र शिक्षक बनने के लिए पात्र थे या नहीं और यदि पात्रता पूरी नहीं कर रहे थे तो इन्हें शिक्षक कैसे बना दिया गया। इनमें लखनऊ ने सूचना दे दी है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर इन शिक्षक बने शिक्षा मित्रों का भविष्य टिका है।

प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों का सहयोग करने के लिए शिक्षा मित्रों को रखा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बीटीसी प्रशिक्षण में शिक्षा मित्रों का 10 फीसदी कोटा आरक्षित कर दिया था। मसलन यदि कोई शिक्षा मित्र स्नातक है और वह बीटीसी करना चाहता है, तो उसे आरक्षित सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। यह प्रक्रिया वर्ष 2007, 2009, 2010 व 2011 तक चली। इसके लिए यह शर्त रखी गई कि बीटीसी में दाखिले के लिए वही शिक्षा मित्र पात्र होगा, जो लगातार शिक्षकों का सहयोग करता रहा होगा।

बेसिक शिक्षा निदेशालय को शिकायत मिली है कि कुछ जिलों में शर्तों को दरकिनार कर शिक्षा मित्रों को बीटीसी में दाखिला दिलाया गया और वे प्रशिक्षण के बाद सहायक अध्यापक बनने में सफल हो गए।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने रायबरेली, सुल्तानपुर, फैजाबाद और सीतापुर समेत अन्य जिलों के बीएसए से मांगी रिपोर्ट |

         खबर साभार : अमरउजाला

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